कैलाश चौधरी ने बोला कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आने वाले वक्त में बीजेपी 400 प्लस सीटें लेकर आएगी.
इसमें कोई दो राय नहीं है. विपक्षी दलों पर इन्होंने बोला कि ये सिर्फ एकत्र होंगे और इनका नेतृत्व भी ये तय नहीं कर पाएंगे कि इनका प्रधानमंत्री का मुखौटा कौन है.सब प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वे कहीं पर टिक नहीं पा रहे हैं इसलिए एकत्र होने की प्रयास कर रहे हैं, लेकिन एकत्र होकर भी उनका नेतृत्व कौन करेगा, एक बार वह नाम तो उजागर करें, क्या वे राहुल गांधी के नेतृत्व में खड़े होंगे या नीतीश बाबू के या ममता के नेतृत्व में, किसके नेतृत्व में खड़े होंगे. इन्होंने दावा किया कि एक बार वह नाम अनाउंस करते ही इनका पिटारा बिखर जाएगा इसलिए इनके पास में कोई मुखौटा भी नहीं है. कैलाश चौधरी ने बोला कि नरेंद्र मोदी पर जनता विश्वास करती है और नरेंद्र मोदी के विकास में यकीन करती है और इसलिए सब एकत्र होना चाह रहे हैं और एकत्र होकर भी कर क्या लेंगे. इनकी एक राज्य से बाहर इनकी कोई पकड़ नहीं है, अगर ममता बनर्जी हैं तो पश्चिम बंगाल से बाहर उनकी पकड़ कहां है, ऐसे ही नीतीश बाबू की यहां से आगे कहां पकड़ है.
लालूजी का इस प्रदेश से बाहर कौन सा जनाधार है, ऐसे ही अखिलेश यादव का कहां पर है, आप पार्टी अपने आप से बाहर निकल नहीं पाती है और इस तरह से कांग्रेस तो वैसे ही सिकुड़ कर और 1-2 राज्यों की पार्टी रह गई है, तो इसलिए यह सब चाहे कितने भी एकत्र हो जाएं कुछ होने वाला नहीं. इन्होंने भागलपुर पुल दुर्घटना को लेकर भी बिहार सरकार पर निशाना साधा.सीमांचल में बीजेपी अपने आपको कहां देखती है ये पूछे जाने पर कैलाश चौधरी ने बोला कि भारतीय जनता पार्टी ने नारा दिया, नरेंद्र मोदी ने नारा दिया है कि सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास और सभी के कोशिश से हमारा देश आगे बढ़ रहा है.राहुल गांधी द्वारा विदेश जाकर भारत की छवि खराब करने के इल्जाम पर कैलाश चौधरी ने बोला ''ये इनके खून में है. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली और उस वक्त देश भर में घूम-घूमकर बोला कि भारत को जोड़ने की बात करेंगे. भारत को तोड़ा किसने जवाहरलाल नेहरु ने और जिन्ना ने तोड़ा. दोनों ने अपने स्वार्थ के लिए तोड़ा, तो इसलिए अब तोड़ने वाले लोगों से संविधान की बात क्या कर सकते हैं.'' चौधरी ने बोला ''आज विदेश में जाकर संविधान को जिस प्रकार से इन्होंने धूमिल करने का कार्य किया है वहीं पर जब वो उधर स्टेटमेंट दे रहे थे तो दूसरे तीसरे दिन दूसरे देशों ने भारत के संविधान की इतनी ज्यादा प्रशंसा की है.