बिहार के लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर देश और दुनिया के भिन्न भिन्न कोनों में जाकर बसने के लिए मजबूर हैं.
हर देश में रह रहें बिहारियों कि आपसे बस एक ही मांग है, वे चाहते हैं कि बिहार में जल्द से जल्द अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का रचना किया जाए.चिराग ने चिट्ठी में लिखा कि 'महोदय, आपको अवगत कराना चाहता हूं कि मुझे दुबई में आयोजित डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 132 वीं जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जाने का अवसर मिला, उस समारोह के दौरान में मुझे हजारों भारतीय प्रवासियों से मिलने का मौका मिला, जिसमें अधिकांश बिहारी थे. मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि संयुक्त अरब अमीरात में कुल भारतीय निरंतर 35 लाख हैं उसमें से बिहार और झारखंड के लोगों की कुल संख्या निरंतर 4 लाख हैं, जिसमें अधिकांश मध्यम वर्ग के लोग हैं'. 'एलजेपीआर' प्रमुख ने बोला कि 'जब कभी विदेश में रह रहे बिहार के लोगों को अपने घर आना-जाना पड़ता हैं, तो मजबूरन उन्हें वाया दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता या किसी अन्य शहर पहले आना पड़ता है. बिहार जाने के लिए उन्हें हवाई या अन्य मार्ग से विवश होकर जाना पड़ता है, जिससे उन मध्यमवर्गीय प्रवासियों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ता है और वक्त की भी बर्बादी होती है. विवश होकर अधिकतर लोग चाह कर भी कई बार अपने घर नही आ पाते हैं.'आगे चिराग ने खत में लिखा कि 'मैं बिहार प्रदेश से जनप्रतिनिधि होने के नाते आपसे व्यक्तिगत तौर पर तथा अपनी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की तरफ यह मांग करता हूं कि बिहार को एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात देकर विदेशों में रह रहे बिहारियों की उपरोक्त समस्या का समाधान यकीनन रूप करेंगे. मुझे पूर्ण यकीन है कि आप इस मांग को जल्द पूरा करने की करुणा करेंगे.