संवाद
नई दिल्ली 02 जुलाई । बाइडेन प्रशासन को अमेरिकी स्कूलों में हिंदी पढ़ाने का प्रस्ताव मिला है. सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के संगठन एशिया सोसायटी (AS) और इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट (IAI) से जुड़े 100 से अधिक जनप्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति बाइडेन को इस बारे में प्रस्ताव सौंपा है.
इसमें 816 करोड़ रुपए के फंड से एक हजार स्कूलों में हिंदी की पढ़ाई शुरू होगी.
संभावना है कि बाइडेन का भारत के प्रति सकारात्मक रुख और अगले साल राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी. अगले साल सितंबर से हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू हो सकती है. अमेरिका में रहने वाले लगभग 45 लाख भारतवंशियों में से हिंदी सर्वाधिक नौ लाख से ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भारतीय भाषा है.
प्रस्ताव में तर्क दिया गया है कि अमेरिकी स्कूलों में हिंदी पढ़ाना कई कारणों से फायदेमंद होगा. सबसे पहले, इससे छात्रों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी, क्योंकि हिंदी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. दूसरा, यह संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, के बीच सांस्कृतिक समझ और प्रशंसा को बढ़ावा देगा. तीसरा, इससे हिंदी भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, जो वैश्वीकरण से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है.