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सुपौल में कोसी का दिखने लगा कहर, तेज धार से कटाव प्रारंभ, इन क्षेत्रों के 100 से अधिक ज्यादा घर चपेट में आए

संवाद 


बिहार में नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. सुपौल में कोसी नदी ने धीरे-धीरे कहर दिखाना प्रारंभ कर दिया है. अभी तो शुरुआत ही है लेकिन कई क्षेत्र प्रभावित हो चुके हैं. लगभग 15 दिनों से कोसी में पानी का बढ़ना-घटना जारी है. नदी से सटे क्षेत्रों में कटाव भी प्रारंभ हो गया है. अभी तक कई क्षेत्रों के सैकड़ों से अधिक घर चपेट में आ चुके हैं.
अभी कोसी नदी का तांडव जिले के सदर प्रखंड की बलवा पंचायत के वार्ड नंबर 11 और 12 के नरहैया टोला में दिख रहा है. बीते सोमवार (10 जुलाई) तक कटाव से तीन दर्जन से अधिक ज्यादा परिवार के लगभग 100 घर कट चुके हैं. इनमें शिव राम कामत, दिनेश कामत, रमेश कामत समेत कई अन्य लोगों का घर सम्मिलित है. उसके अलावा भी ऐसे कई लोग हैं जिनका घर किनारे है और कभी भी नदी में समा सकता है.एक ओर कटाव जारी है तो वहीं दूसरी तरफ लापरवाही की भी खबर है. पीड़ित लोगों ने इल्जाम लगाया कि कटाव जारी है और प्रशासन को जानकारी देने के बाद भी कोई नहीं आता है. न ही कटाव रोकने की बंदोबस्त की गई है. 

लोग अपने से ही एक घर को किसी तरह हटा कर दूसरी जगह ले जाते हैं तब तक दूसरे घर को नदी अपनी चपेट में ले लेता है.

 इन इलाकों में जिसका आशियाना नहीं भी कटा है वह भी अपने आशियाने को तोड़कर हटा रहा है ताकि अधिक से अधिक सामान बचा पाए. बीते रविवार (9 जुलाई) को सदर प्रखंड के उप प्रमुख जय नारायण पंडित, बलवा पंचायत के पूर्व मुखिया जागेश्वर यादव, वार्ड सदस्य त्रिवेणी कामत, समाजसेवी शिव शंकर यादव, रामचंद्र यादव पीड़ितों से मिले. समस्याओं के बारे में जानकारी लेकर जिला प्रशासन से जल्द बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत वितरण करने की मांग के साथ उनके रहने की बंदोबस्त करने की मांग की. वार्ड सदस्य त्रिवेणी कामत ने बताया कि यहां करीब 100 से अधिक घर कट गए हैं. प्रशासन को कटाव की जानकारी देने के बाद भी अभी तक पॉलीथिन तक वितरण नहीं किया गया है.हालांकि सोमवार को सुपौल सदर के अंचल अधिकारी प्रिंस राज कटाव स्थल पर आए. पीड़ित के बीच प्लास्टिक का वितरण किया. उन्होंने बोला कि जैसे ही पता चला कि बलवा पंचायत के नरहैया में कटाव हो रहा है तो हमलोग मौके पर आए. अभी तक जो आकलन किया है उसके अनुकूल 40 से 48 घर कटे हैं. कोसी नदी के आसपास के जो इलाके हैं वहां कटाव अभी भी हो रहे हैं. बता दे कि सरकारी नियमानुसार क्षति राशि का भुगतान किया जाएगा.

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