जम्मू को कश्मीर से रेलमार्ग से जोड़ने के लिए ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का काम जोर-शोर से चल रहा है. 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना के 161 किलोमीटर रेलमार्ग को पहले ही खोल दिया गया है.
बाकी बचे 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल सेक्शन पर भी 95 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. उम्मीद है कि साल 2023 के अंत तक इस सेक्शन पर भी सारा काम पूरा हो जाएगा. जनवरी 2024 से कश्मीर पूरी तरह रेलमार्ग से देश के अन्य हिस्सों से जुड़ जाएगा. जम्मू से श्रीनगर के बीच रेलवे की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की भी योजना है.
अभी ट्रेन कश्मीर की तरफ से बारामूला से बनिहाल और जम्मू की तरफ से कटरा तक चलती है. ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के पूरा होने से कश्मीर पूरी तरह देश के अन्य भागों से रेलमार्ग से जुड़ जाएगा. इस रेलवे लाइन के चालू होने से कश्मीर की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. कश्मीर के सेब और अन्य कृषि उत्पाद आसानी से देश के दूसरे हिस्सों में पहुंच सकेंगे. पर्यटक भी आसानी से और बड़ी संख्या में कश्मीर पहुंचेंगे.
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सबसे कठिन है इस सेक्शन पर काम
उत्तर रेलवे 272 किलोमीटर लंबे रेल लाइन का निर्माण 28 हजार करोड़ रुपये की लागत से करा रहा है. उधमपुर से कटरा तक पहला सेक्शन और बनिहाल से बारामूला के बीच तीसरा सेक्शन पूरा हो गया है. ये दोनों सेक्शन संचालित हो रहे हैं. इस परियोजना का सबसे कठिन सेक्शन कटरा-बनिहाल सेक्शन ही है.
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने पिछले दिनों उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना का निरीक्षण किया था. चौधरी ने बताया कि 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल सेक्शन पर चुनौतियों के बीच 95 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है. शेष पांच फीसदी कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है. यह हिमालय की बेहद चुनौतीपूर्ण भू-भाग वाली परियोजना है. इस परियोजना के लक्ष्य कठिन हैं और इन्हें पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
इसी मार्ग पर है चिनाब ब्रिज
ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर ही चिनाब ब्रिज बनाया जा रहा है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क ब्रिजहै. इस पुल की ऊंचाई 1,000 फीट से ज्यादा है और यह 1,315 मीटर लंबा है.