आम चुनाव 2024 के लिए बीजेपी कमर कस चुकी है. उस क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने टीम का ऐलान किया जिसमें कुछ नए चेहरों को भी जगह मिली है. उन नए चेहरों में तारिक मंसूर का नाम भी शामिल हैं.
तारिक मंसूर को बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. सियासत में एंट्री से पहले वो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति रहे. कुलपति रहते हुए उन्हें बीजेपी ने विधानपरिषद में भेजा. मंसूर की नियुक्ति के पीछे बड़ी वजह यह बताई जा रही है वो पसमांदा समाज से आते हैं.
2022 के चुनाव में पसमांदा समाज से आने वाले दानिश अंसारी को योगी मंत्रिमंडल में जगह भी मिली. बीजेपी के हर बड़े नेता चुनावी सभाओं में या उससे इतर कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास की कड़ी में वो हर वर्ग को जोड़ रहे हैं. खासतौर पर मुस्लिमों में पसमांदा समाज के पिछड़ेपन से हर कोई वाकिफ हैं. उनके विकास के लिए कोई योजनाएं नहीं बनाई गईं लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस समाज के विकास पर खासा ध्यान दिया गया है.
कौन हैं तारिक मंसूर
तारिक मंसूर, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति रहे हैं
कुलपति पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें यूपी विधानपरिषद में सरकार ने नामित किया.
2017 में एएमयू की उन्होंने कमान पांच साल के लिए संभाली थी. उनका कार्यकाल मई 2022 में खत्म हो रहा था हालांकि कोविड की वजह से केंद्र सरकार ने एक साल का सेवा विस्तार दिया था.
तारिक मंसूर पहले ऐसे वीसी रहे जिन्हें कार्यकाल में रहते हुए विधानपरिषद के लिए नामित किया गया.
मंसूर को 2023 पद्म अवार्ड कमेटी में सदस्य के तौर पर नामित किया था. इसके साथ ही वो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के भी सदस्य थे.
नई टीम में कुछ बदलाव
नई सूची में ज्यादातर पदाधिकारियों को उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव पद पर बरकरार रखा गया है. सूची में 13 उपाध्यक्ष, नौ महासचिव, संगठन प्रभारी के रूप में बीएल संतोष और 13 सचिव शामिल हैं.