कांग्रेस में पहले से ओबीसी और दलित के दो मंत्री हैं.
अब दो मंत्रियों को बनाना है ऐसे में अभी तक जो जिक्र आ रही है, उसमें 3 नाम सबसे ऊपर के लिस्ट में है. इनमें सबसे पहला नाम महाराजगंज के विधायक विजय शंकर दुबे (ब्राह्मण), औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर (राजपूत) और विजेंद्र चौधरी (ओबीसी) लेकिन इन 3 नामों में भी पेच फंस सकते हैं. कांग्रेस जिन नामों का प्रस्ताव दिया है, उस पर लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप किया है.कांग्रेस नेता ने बताया कि लालू यादव और नीतीश कुमार शुरू के दौर से ही पिछड़े और अति पिछड़े की सियासत करते आ रहे हैं और कांग्रेस का इतिहास सवर्ण राजनीति का रहा है और नए मंत्रिमंडल विस्तार में लालू यादव और नीतीश कुमार यही चाहते हैं कि कांग्रेस अपने पुराने फार्मूले पर कायम रहे और सवर्ण को मंत्री बनाएं. कांग्रेस के भी आलाकमान इस बात पर मान सकते हैं. ऐसी अगर बात हुई तो विजेंद्र चौधरी ,जो ओबीसी से आते हैं उनका नाम कट सकता है.विजय शंकर दुबे ब्राह्मण जाति से हैं और आनंद शंकर राजपूत जाति से हैं. हालांकि दोनों सवर्ण हैं, लेकिन इस पर भी एक पेज फंसा हुआ है. लालू यादव बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद को मंत्री बनाने पर विचार कर रहे हैं जो राजपूत हैं. ऐसे में आनंद शंकर का भी नाम कट सकता है और कांग्रेस दो ब्राह्मण को मंत्री बना सकती है. दूसरे अगर ब्राह्मण की बात हुई तो मदन मोहन झा का भी नाम जुड़ सकता है. हालांकि अभी तक यह तय नहीं है कि दोनों ब्राह्मण ही बनेंगे और इन नामों की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.2024 के लोकसभा चुनाव में बहुत कम वक्त बचे हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस आरजेडी और जेडीयू तीनों पार्टियां कोई भी चूक नहीं करना चाहती है. किसी जाति को आगे करके किसी जाति को अप्रसन्न करने की फिराक में नहीं है. ऐसे में तीनों आपस में सहमति बनाकर मंत्रिमंडल विस्तार करने में जुटी है और यही वजह है की लेट हो रही है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अशीत नाथ तिवारी ने बोला कि बहुत जल्द ही कांग्रेस हाईकमान से नामों का ऐलान कर दिया जाएगा.