अब चार्जशीट फाइल हो गई तो नरेंद्र मोदी और बीजेपी की याद आ रही है कि हमलोगों ने फंसा दिया.
अजय आलोक ने ताना कसते हुए बोला कि 'बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाओ'.लालू परिवार पर आक्रमण करते हुए अजय आलोक ने बोला- "रेलवे में नौकरी के बदले पैसा आप लो, नौकरी आप दो, गरीबों के पैसे ले लो, एविडेंस मिल जाता है उसे कंपनी बना लो, 4 करोड़ के मकान को 4 लाख का बता दो. एविडेंस है. पूरा एक बुकलेट जेडीयू ने रिलीज किया था. बीजेपी ने नहीं किया था. रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ललन सिंह ने दी थी मनमोहन सिंह को, जेडीयू से जाकर पूछें लालू यादव कि क्यों किए थे नीतीश, अब तो फंस गए." अजय आलोक ने बोला कि भ्रष्टाचार की गारंटी इनकी है तो कार्रवाई की गारंटी नरेंद्र मोदी की है.अजय आलोक ने बोला कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के सबसे बड़े संरक्षक हो चुके हैं. सीसीसी यानी क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म इन तीनों की गोद में बैठ के झूला झूल रहे हैं. क्रिमिनल्स के साथ हैं, कितने मंत्रिमंडल में क्रिमिनल ही ऊपर से नीचे तक हैं खुद जोड़ लीजिए. नीतीश कुमार के जीवन की किताब का लोकार्पण लालू यादव करते हैं. करप्शन की अद्भुत मिसाल हैं ये. 1 घंटा उनका रहना बिहार को 1 महीना पीछे ले जा रहा है. 10 से 15 दिन में ये त्यागपत्र देंगे.