जब हमारे संज्ञान में यह आया तो हमने इसका आपत्ति किया.
हमें नहीं लगता कि ये तुगलकी फरमान कहीं से अच्छा है. शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारी अब मनमानी पर उतर गए हैं.इस पूरे मामले पर जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बोला कि केके पाठक बिहार के महत्वपूर्ण अधिकारी हैं. उनको जब जब जो विभाग मिला वहां इन्होंने महत्वपूर्ण हस्ताक्षर किए. इनकी कार्यशैली को सभी जानते हैं. वैसे अधिकारी और मंत्री के बीच तालमेल होना चाहिए. अब मंत्री किस बात पर प्रश्न उठा रहे यह मंत्री जानें. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत खत लिखा है इसकी सूचना मुझे मीडिया से मिली है. मैंने खत नहीं पढ़ा है.केके पाठक को लेकर बिहार में मचे घमासान को लेकर बीजेपी नेता अजय आलोक ने बोला कि बददिमाग मंत्री और सनकी अधिकारी रहेगा तो दोनों में ठनेगी ही. यह नीतीश का कार्य है देखना कि मंत्री और अधिकारी के बीच सब ठीक रहे, लेकिन नीतीश कुमार ने बिहार को बर्बाद कर दिया है. हर विभाग की स्थिति ऐसी है.वहीं बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने बोला- "बिहार के छात्र-युवाओं का जीवन बर्बाद कर चौराहे पर खड़ा करने वाले शिक्षा मंत्री को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अविलंब बर्खास्त करें. शिक्षा मंत्री ने विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और मंत्री परिषद के सदस्य के तौर पर लिए गए पद और गोपनीयता की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन किया है. अपने पर्सनल सेक्रेटरी से वरिष्ठ विभागीय आईएएस अफसर को पीत-पत्र लिखवा कर मीडिया में सार्वजनिक करना एक हीन चेष्टा है."