इससे बड़ा संवेदनहीनता का दूसरा बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता है.
इस देश को चलाने की जिम्मेदारी आपकी है. देश की जनता के प्रति आपको संनेदनशील होना पड़ेगा. प्रधानमंत्री विदेश में जाकर भाषण देते हैं, वहां संसद भवन में जाकर भाषण देते हैं तो नारा लगता है, लेकिन यहां तो नारा नहीं लगेगा. विपक्ष का तो यही मांग है कि प्रधानमंत्री मणिपुर की घटना पर संसद भवन में बयान दें. उसके बाद हमलोग बहस के लिए तैयार हैं. सदन के नेता सदन से भाग रहे हैं. लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा मामले को लेकर बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. विगत 9 सालों में यह दूसरा अवसर होगा जब यह सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी. इससे पहले, जुलाई, 2018 में मोदी सरकार के विरुद्ध कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था. इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके विरुद्ध 325 सांसदों ने मत दिया था.