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महाराष्ट्र में हुए 'खेल' से कहां पड़ेगा कितना प्रभाव? प्रशांत किशोर से जानिए


संवाद 

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) बिहार के भिन्न भिन्न जिलों में जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं. समस्तीपुर में 2 जुलाई से उनकी पदयात्रा प्रारंभ हो गई है. वह सियासत को लेकर निरंतर सभी पार्टियों पर तीखा आक्रमण कर रहें हैं. इसी कड़ी में महाराष्ट्र में कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक के बीच प्रशांत किशोर ने मंगलवार (4 जुलाई) को बड़ा बयान दिया है. क्या प्रभाव पड़ेगा और नहीं पड़ेगा इस पर भी उन्होंने अपनी बात बोली.प्रशांत किशोर ने बोला कि विधायकों के एक दल से दूसरे दल में जाने का पार्टी समर्थकों पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा. एनसीपी के कुछ नेता अगर पार्टी को छोड़ दें, तो ऐसा नहीं है कि उनके समर्थक भी पार्टी को छोड़ देंगे. ये मेरा मानना है. 

समस्तीपुर के पटोरी ब्लॉक में मीडिया से वार्तालाप करते हुए प्रशांत किशोर ने आगे बोला कि हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग है.

आगे पीके ने बोला कि बिहार के संदर्भ में जब महागठबंधन बना था, तो इसका राष्ट्रीय सियासत पर कोई सीधा असर पड़े ये अनिवार्य नहीं. महाराष्ट्र में जो हुआ वो वहां की विशेष घटना है. ये सही है या गलत, इस पर महाराष्ट्र के लोगों को फैसला लेना है.
बता दें कि महाराष्ट्र में एनसीपी (NCP) यानी अपनी ही पार्टी से अलग होकर वरिष्ठ नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने मौजूदा प्रदेश सरकार के साथ मिलकर डिप्टी सीएम की कुर्सी संभाली है. उनके साथ पार्टी के 8 अन्य नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. अभी एनसीपी पार्टी पर कब्जा को लेकर पार्टी प्रमुख शरद पवार और अजित पवार एक-दूसरे पर कार्रवाई व जिक्रबाजी कर रहे हैं. 

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