दलित युवक पर मल फेंकने का मामला सामने आया था. मामले में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन आरोपी के परिवार ने पीड़ित पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि ''मल नहीं बल्कि गोबर फेंका गया था, वह भी मजाक में.''
आरोपी के परिवार का कहना है कि 65 वर्षीय वृद्ध को जबरन आरोपी बनाकर जेल भेजा गया है. जबकि जिसने आरोप लगाये और रिपोर्ट लिखाई उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिये, इस मामले को जबरन तूल दिया जा रहा है.'' जिसके चलते कलेक्टर की जनसुनवाई में तकरीबन 1 सैकड़ा ग्रामीण पहुंचे और उन्होंने आवेदन देकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है.
आरोपी के परिवार के धर्मदास पटेल और महेंद्र पटेल का कहना है कि ''यह सब मजाक-मजाक में हुआ है. 65 साल के वृद्ध रामकृपाल पटेल से पहले पीड़ित बने युवक ने मजाक में काला ग्रीस लगाया था, जिसके पलट रामकृपाल ने पास में पड़ा गोबर लगा दिया और यह सब मजाक-मजाक में हुआ.
"उन्होंने कहा कि ''युवक ने झूठी रिपोर्ट लिखाकर वृद्ध रामकृपाल को जेल भिजवाया है. आरोप लगाने वाला (पीड़ित) भी आरोपी है,तो उस पर भी FIR होनी चाहिये. उसे भी उसी आरोप में जेल जाना चाहिये कानून और न्याय सबके लिए बराबर है. हम कानून से न्याय की मांग करते हैं.''