प्रशांत किशोर ने बोला कि नीतीश सरकार में ध्वस्त हुई शिक्षा बंदोबस्त को आने वाले दिनों में काला अध्याय बोला जाएगा.
रास्ते खराब हो, तो अगली सरकार बना सकती है, बाढ़ आएगी तो जल प्रबंधन की उचित व्यवस्था कर समस्या समाप्त की जा सकती है, लेकिन खराब शिक्षा बंदोबस्त के वजह से दो पीढ़ियां जो पढ़कर निकली हैं, उनका फ्यूचर सुधरने वाला नहीं है. उनकी पूरी जिंदगी नष्ट हो जाएगी. हमेशा पढ़े-लिखे लोगों के नीचे ही उन्हें कार्य करना होगा.चुनावी रणनीतिकार ने बोला कि बिहार सरकार 40 हजार करोड़ रुपए शिक्षा बंदोबस्त पर खर्च करती है. अपर मुख्य सचिव को जो बोलना है कह लें, शिक्षा मंत्री को जो बोलना है बोल लें, लेकिन शिक्षा व्यवस्था सुधरती नहीं दिख रही है. किसी का भी ध्यान शिक्षा को सुधारने पर नहीं है. दोनों ही अपनी बात मनवाने पर लगे हैं कि मेरी बात मान ली जाए. इसमें घाटा बिहार के बच्चों का है, अध्यापकों का है, स्कूल प्रबंधन का है.