ऐसे में सोमवार को ही नीतीश और हरिवंश की हुई मुलाकात को अलग नजरिए से देखा जा रहा है.
सवाल प्रश्न उठ रहा है कि नीतीश कुमार और हरिवंश की मुलाकात सिर्फ औपचारिकता है या कुछ और है? बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने अपने विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों से वन-टू-वन मुलाकात की थी. ऐसे में हो सकता है यह मुलाकात भी इसी कड़ी का भाग हो, लेकिन बिहार की सियासत में कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगा. बता दें कि नए संसद भवन का जब पूरा विपक्ष विरोध कर रहा था तो उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश आए थे. इनके जाने पर जेडीयू ने कड़ा रुख भी जताया था. उसके बाद अब हरिवंश और सीएम नीतीश कुमार की यह पहली मुलाकात बताई जा रही है. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार और हरिवंश की फोन पर भी बातचीत नहीं हो रही थी. आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने बोला कि हरिवंश जनता दल यू के सांसद हैं. नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वो दोनों मिलते हैं तो ये तो उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है. आगे इस प्रश्न पर कि कहीं दिल्ली से दूत बनकर तो हरिवंश नहीं आए थे? महागठबंधन पर तलवार तो नहीं लटक रहा? इस पर शक्ति यादव ने बोला कि भारतीय जनता पार्टी विपक्षी एकत्व को लेकर बैचेनी में है.