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बेऊर जेल में अनंत सिंह के समर्थकों हल्ला के बाद दूसरी जेलों में भेजे जाएंगे कैदी, वार्ड खुला रखने वाले कक्षपाल सस्पेंड


संवाद 

पटना के बेऊर जेल में पूर्व विधायक अनंत सिंह के 'वार्ड के खुला रहने' के विरोध में उनके समर्थकों द्वारा हल्ला और मारपीट करने का घटना अब तूल पकड़ लिया है. पूरे मामले की जांच-पड़ताल का आदेश जेल पुलिस महानिरीक्षक को दिया गया है वहीं इस मामले में चिन्हित 31 कैदियों को दूसरे जेल भेजने की भी कारवाई प्रारंभ कर दी गई है.
बताया जाता है कि अनंत सिंह के वार्ड के गेट को खुला छोड़ने और उनकी कत्ल की आशंका को लेकर उनके समर्थकों ने खूब जम कर हंगामा किया और कक्षपालों और सुरक्षाकर्मियों की पिटाई कर दी. इस दौरान जेल में भगदड़ मच गई.बताया गया कि वार्ड खुला छोड़ने वाले कक्षपाल को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस के एक अफसर ने बताया कि इस मामले में 30 से अधिक ज्यादा कैदियों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया गया है तथा 31 कैदियों को चिन्हित किया गया हैं, जिन्हे अन्य जेलों में भेजे जाने की कारवाई प्रारंभ की गई है.इस बीच, बेऊर जेल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. सिंह बेउर केंद्रीय कारागार में है. 

पिछले वर्ष पटना की एक अदालत ने उन्हें एक मामले 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनायी थी.


यह मामला पुलिस को उसके आधिकारिक आवास से छह राइफल मैगजीन सहित कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद किए जाने से जुड़ा है. अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी फिलहाल मोकामा से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की विधायक हैं.उधर, मोकामा के पूर्व विधायक ने इल्जाम लगाया कि जेल परिसर के अंदर उनकी कत्ल की साजिश रची जा रही है. घटना के बाद पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने मामले की जांच-पड़ताल के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस ने जेल परिसर के अंदर हंगामा करने के इल्जाम में कुछ कैदियों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की है.
जिलाधिकारी ने बोला, ‘‘घटना रविवार सुबह लगभग साढ़े सात बजे हुई जब अनंत सिंह के नेतृत्व में करीब 40 कैदियों ने जेल के अंदर विरोध प्रदर्शन करना प्रारंभ कर दिया और इल्जाम लगाया कि उनके वार्ड को पिछली रात जानबूझकर खुला रखा गया था.’’
उन्होंने बोला, ‘‘जेल अधिकारियों ने विरोध कर रहे कैदियों को शांत करने की कोशिश की लेकिन जब वे नहीं माने तो जेल में अतिरिक्त बल भेजा गया. स्थिति को नियंत्रण में लाया गया और विरोध करने वाले अधिकांश कैदियों को उनकी कोठरी में वापस भेज दिया गया. बहरहाल, अनंत सिंह और 10 अन्य कैदियों ने प्रदर्शन जारी रखा. उसके बाद जेल अधिकारियों के साथ हाथापाई हुई और हल्का बल इस्तेमाल किया गया. कुछ कैदियों को अन्य कोठरियों में स्थानांतरित कर दिया गया.’’

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