पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट को लेकर बोला कि मेरी मृत्यु आ जाएगी तभी मैं हाजीपुर सीट छोड़ सकता हूं.
अपने जीते जीवन मैं हाजीपुर लोकसभा सीट को नहीं छोड़ सकता हूं. मैं हर हाल में हाजीपुर लोकसभा से ही चुनाव लड़ूंगा. एनडीए का पार्ट हूं और एनडीए के टिकट से मैं हाजीपुर से चुनाव लडूंगा. कोई कहां से चुनाव लड़ता है उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है. चिराग हाजीपुर से लड़ते हैं तो चुनाव लड़े, लेकन मैं जरूर हाजीपुर से चुनाव लडूंगा. केंद्रीय मंत्री ने बोला कि मैं हम तीन तीन भाई में कभी कोई मनमुटाव नहीं हुआ था और हमारे बड़े भाई दिवंगत रामविलास पासवान ने हमें अपना उत्तराधिकारी बनाया था, वह अलौली विधानसभा से चुनाव लड़ते थे वहां जब उन्होंने सीट छोड़ा तो हमें अपना सीट दिया और वहां से हम 5 बार विधायक रहे. उसके बाद जब वे हाजीपुर लोकसभा सीट छोड़े तो अपनी सीट पर हमें अपना उत्तराधिकारी बनाकर हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया और हमने जीत भी प्राप्ति की. चिराग उनके बेटे हैं लेकिन हमारे बड़े भाई ने हमें उत्तराधिकारी माना है. वह इसलिए सीट हमारी है.लोजपा सांसद वीणा सिंह का चिराग पासवान से मेल मिलाप पर पशुपति पारस ने बोला कि ऐसी कोई बात नहीं है. हालांकि आज के बैठक में लोजपा के सांसद महबूब अली कैसर और चंदन सिंह उपस्थित थे, लेकिन वीणा देवी उपस्थित नहीं थी. इस पर उन्होंने बोला कि वह अपने क्षेत्र में हैं. वहीं, इसको लेकर कहीं ना कहीं या कयास लगाया जा रहा है कि वीणा देवी बहुत जल्द चिराग पासवान के साथ जाने वाली हैं. पशुपति पारस ने बोला कि ऐसा कोई अनुमान नहीं है. सभी लोग हमारे साथ हैं. हम लोग 5 सांसद इकट्ठा हैं.