ऐसे शिक्षा मंत्री छात्रों को क्या खबर देंगे?
बीजेपी नेता ने बोला कि शिक्षा विभाग की बर्बादी के लिए लालू प्रसाद के एक बड़बोले विधायक का मंत्री बनना ही काफी था. ऊपर से मुख्यमंत्री ने कोढ़ में खाज की तरह एक बद्जुबान अफसर को इस विभाग का प्रधान सचिव भी बना दिया. अब मंत्री और प्रधान सचिव की लड़ाई में दोनों स्तरों से तुगलकी फरमान जारी हो रहे हैं. दोनों एक-दूसरे को हैसियत बताने पर तुले हैं. एक पर लालू प्रसाद और दूसरे पर नीतीश कुमार का वरदहस्त है.अधिकारी पर आक्रमण करते हुए सुशील मोदी ने बोला कि प्रधान सचिव की जुबान ही इस महकमे का कानून है. नीचे के अधिकारी सस्पेंड करने की चुनौती और पैंट गीला करने जैसी गाली के बीच कैसे कार्य कर रहे हैं इसका अनुमान लगाया जा सकता है. नीतीश सरकार की असफलता के चलते राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में सत्र अनियमित है. स्नातक स्तर पर हजारों सीटें खाली रह जाएंगी. छात्र यहां दाखिला नहीं लेना चाहते. और बता दें कि विश्वविद्यालयों में टीचर के 40 फीसद पद खाली पड़े हैं.