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क्या चिराग पासवान केंद्रीय मंत्रिमंडल में होंगे सम्मिलित? खुद दिया जवाब, बोला- नीतीश कुमार को भय लग रहा


संवाद 

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने सोमवार (3 जुलाई) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर खूब जोरदार आक्रमण बोला. चिराग ने बोला कि नीतीश कुमार इतने वर्ष से मुख्यमंत्री हैं, इतने कमजोर मुख्यमंत्री वे उससे पहले कभी नहीं रहे. आज जेडीयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है. जिस तरीके से अपने विधायकों को बुला-बुलाकर वह वार्तालाप कर रहे हैं तो स्वाभाविक है कि उन्हें भय लग रहा है.नीतीश कुमार पर आक्रमण करते हुए चिराग ने बोला कि हमेशा से दूसरों की पार्टी को तोड़ने का सीएम ने कार्य किया है. हम लोगों के साथ भी 2005 से वह यही कर रहे हैं, तो यह भय अब उनको भी है कि जो मैंने दूसरों के साथ किया वह मेरे साथ भी हो सकता. दूसरी बात इसके पीछे एक लॉजिक है.

 2019 का चुनाव इनके सांसद आरजेडी के विरुद्ध जीत कर आए. 

2020 का चुनाव इनके विधायक महागठबंधन के विरुद्ध जीत कर आए. तो कहीं न कहीं इन लोगों के अंदर असंतोष है.एक प्रश्न पर कि चर्चा है कि बीजेपी ने आपको ऑफर किया है केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मिलित होने के लिए. इस पर इन्होंने बोला कि इस बात का न बिहार से कोई लेना देना है न बिहारियों से कोई लेना-देना है. मैं तो आज बिहार और बिहारियों की चिंता लेकर यहा पर हूं.चिराग पासवान ने बोला है कि कई सारे विधायक और सांसद मेरे सीधे संपर्क में हैं. हर कोई अपनी अपनी राह तलाश रहा है. आज की तारीख में हकीकत है कि जनता दल यूनाइटेड का बिहार में कोई अस्तित्व नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरुद्ध बहुत आक्रोश है. उनकी पार्टी टूट रही है. उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन से निकल गए. जीतन राम मांझी, आरसीपी सिंह जो नीतीश कुमार के लेफ्ट-राइट हैंड होते थे वह भी निकल गए. नीतीश कुमार की पार्टी तो कमजोर होती जा रही है.आगे चिराग पासवान ने बोला कि नीतीश कुमार जनता के बीच में अपना विश्वास खो चुके हैं. 2020 में ही जनता ने उन्हें नकार दिया था. आज जिस मंच पर मुख्यमंत्री जाते हैं उनका आपत्ति होता है. छात्रों और शिक्षक अभ्यर्थियों के अधिकार पर बोला कि मुख्यमंत्री ने लाठी को हर समस्या का समाधान बनाने के लिए के लिए प्रयोग किया है. चिराग ने बोला कि कौन सा ऐसा विभाग है जिसकी नाराजगी मुख्यमंत्री से नहीं है. शराबबंदी कानून इन्होंने बनाया वह असफल हुआ. जातिगत जनगणना लेकर आए उसको धरातल पर नहीं उतार पाए.

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