मैंने तो किसी से वोट भी नहीं मांगा न ही किसी से पैसे ले रहा हूं.
जनता को जागरूक करने का बेड़ा उठाया है. पैदल यात्रा इसलिए कर रहा हूं. हम आज हर जगह कह रहे हैं कि समाज में बेहतरी हो इसलिए अपना शरीर और ताकत को खपा कर गांव-घर घूम रहे हैं. लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि अपने लिए न सही, अपने बच्चों के फ्यूचर के लिए मतदान कीजिए.चुनावी रणनीतिकार ने आगे बोला कि आज बिहार में जो स्थिति है नेता और समाज के कुछ वर्ग मान बैठे हैं कि आज जितना जो बड़ नासमझ है वही इस प्रदेश में बड़ा नेता है, जिसने शर्ट के ऊपर गंजी पहन लिया तो लोगों को लगता है कि वही जमीनी नेता है. आज बिहार में नेता होने का मतलब है कि उसे कोई ज्ञान न हो वो अनपढ़ आदमी हो, वो बदमाश हो या फिर उसे किसी चीज की समझ नहीं हो.