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'विपक्षी दलों की बैठक के लिए मुंबई नहीं गए सीएम नीतीश कुमार' जानें- रामदास आठवले ने क्यों दी ऐसी राय

संवाद 

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 'अच्छे संबंधों' के बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल (यू) के राजग से बाहर निकलने पर अफसोस जताया और कुमार को अगले महीने होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शिरकत नहीं करने की राय दी.रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता आठवले ने बोला, ‘‘कोई फायदा नहीं है.’’ उन्होंने बोला कि मेरी नीतीश के लिए यही राय है कि वह बैठक में हिस्सा लेने से दूर रहें.गैर भाजपा दलों के गठबंधन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की मुंबई में अगले महीने बैठक होने का अनुमान है.
इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु में हुई बैठक में नये नाम की ऐलान के बाद मीडिया के एक हलके में लगायी गई अटकलों का चर्चा करते हुए आठवले ने बोला, ‘‘ऐसा लगता है कि वह उस खेमे में खुश नहीं हैं. वह उपनाम ‘इंडिया’ से नाखुश थे, लेकिन राहुल गांधी भारी पड़े.’’हालांकि, खुद नीतीश कुमार ऐसी अटकलों को खारिज कर चुके हैं और बोला है कि विपक्षी गठबंधन का नया नाम सर्वसम्मति से तय किया गया था.

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में आठवले के साथ नीतीश भी केंद्रीय मंत्री थे.


क्या वह भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में नीतीश कुमार की वापसी के पक्ष में हैं? इस प्रश्न के जवाब में आठवले ने बोला, ‘‘ इस पर फैसला नीतीश कुमार और भाजपा को लेना है. आरपीआई नेता ने संभवत: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से बार-बार किये गये उस दावे को ध्यान में रखते हुए यह टिप्पणी की कि अब से जदयू प्रमुख के साथ कोई समझौता नहीं होगा.’’
कुछ समारोहों में हिस्सा लेने के लिए यहां आए केंद्रीय मंत्री ने टिप्पणी की कि इन्होंने राज्य के कुछ हिस्सों की यात्रा की और इस दौरान मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार द्वारा किए गए अच्छे कामों से प्रभावित हुए हैं.

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