उनकी कुछ मांग केंद्र सरकार से है, लेकिन ज्यादा मांग राज्य सरकार से है.
आशा कर्मी जितना कार्य करती हैं, उसके बदले में सम्मान और पैसा दोनों कम मिलता है. दैनिक मजदूर के बराबर पैसा मिलता है.आरएलजेडी प्रमुख ने बोला कि आशा कर्मी कोविड के समय भी जान जोखिम में डाल कर सेवा की. कई की मौत भी हो गई, लेकिन मुआवजे की राशि नहीं मिली. कार्य का भी पैसा नहीं मिला, उनकी जांब 24 घंटे होती है, उनको सुविधा भी नहीं मिलती है. हमारी मांग है कि पीएचसी में आशा कार्यकर्ता को अलग रूम बनवाया जाए. सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तो हमारी पार्टी उनके साथ खड़ी रहेगी. आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन भी किया जाएगा. राज्य सरकार को डेमोक्रेसी की कत्ल करने का हक नहीं है.वहीं, आगे कुशवाहा ने बोला कि नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल हैं, ये मैंने ही पहले बोला था, लेकिन आज सब बदल गया है. आज जेडीयू आरजेडी के सामने नतमस्तक है. नीतीश कुमार ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार लिया है. आधारहीन नेता पीएम की रेस में आए, यह संभव नहीं है. पहले नीतीश कुमार की बात लोग सुनते थे और अब नीतीश कुमार खुद ही देख लें. पूरे बिहार में सुखाड़ के हालात से धान की रोपनी कम हुई है. राज्य सरकार को पहले से ही अलर्ट रहना चाहिए था. बिजली की भी कटौती हो रही है. लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारा पर उपेंद्र कुशवाहा ने बोला कि पार्टी को मिलने वाली सीट पर बातचीत चल रही है. मीडिया में सार्वजनिक नहीं कर सकता हूं, जब तय होगा, फिर बता दिया जाएगा. वहीं, मणिपुर की घटना को इन्होंने बहुत दुखद बताया. इसे रोकने की जवाबदेही, राज्य और केंद्र सरकार दोनों की है. समाज को भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है.