पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को बोला कि नीतीश कुमार ने आरजेडी के मंत्रियों की हैसियत नौकरों-जैसी बना दी है. अफसर उनकी बात नहीं सुनते. अधिकारियों की ट्रांसफार्मर-पोस्टिंग का अधिकार जेडीयू (JDU) के मुख्यमंत्री के हाथ में है, इसलिए नौकरशाही जेडीयू के मंत्रियों-कार्यकर्ताओं के अलावा किसी को महत्व नहीं देती. जो स्थिति शिक्षा विभाग की है, वही सभी विभागों की है. आरजेडी कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.सुशील कुमार मोदी ने बोला कि नीतीश कुमार ने आरजेडी कोटे के विभाग में ऐसे अफसर बैठा दिए हैं, जो मंत्रियों पर लगाम कस सकें. आरजेडी के विधान पार्षद का यह सुझाव सही है कि नीतीश कुमार को शिक्षा विभाग के अवर प्रधान सचिव को ही अपना सलाहकार बना लेना चाहिए. इन्होंने बोला कि एक ओर मुख्यमंत्री के विश्वसनीय अफसर आरजेडी के मंत्रियों को चिंतित कर रहे हैं
और दूसरी ओर जेडीयू के मंत्री वर्णन देकर अफसरों को पोलिटिकल कवर दे रहे हैं.
बीजेपी नेता ने बोला कि आरजेडी-जेडीयू के मंत्रियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप से विकास के कार्य ठप हैं. मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र बने हुए हैं. शिक्षा विभाग में अब या तो मंत्री चंद्रशेखर रहेंगे या वर्तमान प्रधान सचिव. मामला काफी तूल पकड़ चुका है, लेकिन दोनों दल कह रहे हैं 'ऑल इज वेल'. वहीं, इसको लेकर आरजेडी के विधान पार्षद सुनील सिंह ने बोला था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केके पाठक को ही अपना प्रधान सचिव नियुक्त कर लें, जिससे सभी विभागों की अच्छे से मॉनिटरिंग कर सकेंगे. इससे बिहार के प्रगति में गति मिलेगी. इस मुद्दे पर आरजेडी और जेडीयू के बीच ही संग्राम छिड़ गया है.