जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने बोला कि यह बिहार का अभाग्य है कि बिहार में बीजेपी के रूप में एक नकारात्मक विपक्ष है जिसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता ओछी और घटिया सियासत करना है. सदन जनता के पैसों से जनता के लिए चलता है और सदन में जनता से जुड़े मुद्दों का हल होना चाहिए. बीजेपी के लोग सकारात्मक विपक्ष के रूप में अपने प्रश्न सदन में उठा सकते थे लेकिन विधानसभा मार्च के माध्यम से यह लोग राजनीतिक नौटंकी को बढ़ावा दे रहे हैं. सड़कों पर लोटपोट कर प्रदर्शन करेंगे.
बिहार बीजेपी के नेताओं को ललकार है कि केंद्र की सरकार से बिहार के अधिकार का प्रश्न पूछें.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा कब मिलेगा?
दरभंगा एम्स और पूर्णिया एयरपोर्ट का मसला कब हल होगा?
बेरोजगारी और महंगाई कब दूर होगी?
गरीबों के खाते में पैसे कब आएंगे?
अभिषेक झा ने बोला कि बिहार बीजेपी के नेताओं में इतना हौसला नहीं है कि अपने आलाकमान को अप्रसन्न कर सकें इसलिए इस प्रकार की राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं. बिहार की जनता इनके असली मुखड़े और चरित्र को पहचान चुकी है और आने वाले इलेक्शन में इनका सूपड़ा साफ कर देगी.