यह बदलाव केंद्र सरकार के बिना नहीं, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही सम्भव हुआ, लेकिन नीतीश सरकार (Nitish Kumar) बेवजह अपनी पीठ थपथपा रही है.
सुशील कुमार मोदी ने बोला कि 9 वर्ष में ग्रांट इन एड (सहायता अनुदान) में यूपीए शासन की तुलना में 4.5 गुना बढोत्तरी कर इस मद में 2 लाख 35 हजार करोड़ से ज्यादा राशि दी गई. इसी तरह डिवोल्यूशन ग्रांट में 3.5 गुना बढोत्तरी कर 1 लाख 6 हजार करोड़ से बढा कर 3 लाख 57 हजार करोड़ कर दिया गया. 'गरीबी हटाओ' के खोखले नारे से नहीं, बल्कि एनडीए सरकार की ठोस नीति और ईमानदार नीयत से परिवर्तन हुआ. केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना पर 18 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए, जिससे 85 लाख से ज्यादा किसानों को लाभ हुआ.बीजेपी नेता ने बोला कि बिहार में नए पुल, महासेतु और 6-लेन सड़कों के निर्माण पर 1 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार ही खर्च कर रही है. इससे राज्य के हजारों लोगों को ही रोजगार पाने और गरीबी मिटाने का अवसर मिल रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना पर 18 हजार करोड़ खर्च हुए, जिससे 37.39 लाख शहरी और ग्रामीण गरीबों को अपना पक्का मकान मिला. अन्न योजना से करीब 9 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन मिला. उज्जवला योजना के तहत 1.7 करोड़ गरीबों को गैस कनेक्शन मिले. इनमें 76 हजार लाभार्थी दलित-आदिवासी समुदाय के हैं.