किसान जब पानी और सिंचाई के लिए बिजली मांगने जाते हैं उनको गोली दी जा रही है और लाठी चलाई जा रही है.
कटिहार की वारदात को लेकर कुशवाहा ने बोला कि हमने वहां (कटिहार) के लोगों से बात की है. अगर कहीं भी भीड़ बेकाबू होती है तो पुलिस-प्रशासन के लोग पहले समझाते हैं. गोली चलाना अंतिम विकल्प है, मगर पहले कोई विकल्प नहीं दिया गया. सीधे नजदीक से गोली मारी गई है. लोगों के सिर में सटाकर गोली मारी गई है. जान मारने की नीयत से गोली मारी गई है. अब ऐसी स्थिति में सरकार को लगता होगा कि लोगों के आक्रोश को गोली से दबा देंगे तो सरकार मुगालते में है. मुख्यमंत्री को अविलंब हस्तक्षेप करना चाहिए. घटना में जो भी आरोपी हैं उनके ऊपर 302 के तहत मुकदमा होना चाहिए.
उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी बोला कि बिहार में तानाशाही का तंत्र चल रहा है क्योंकि कोई तानाशाह की सरकार ही आंदोलन करने वाली जनता पर गोली चला सकती है. उसकी जान ले सकती है. यह जनतांत्रिक सरकार कभी नहीं ऐसा कर सकती है.