जो आदमी कमजोर हो सकता है कॉन्फिडेंस लेवल कम हो जाता है.
वह किसी के बारे में कुछ भी सोच सकता है तो फोन टैपिंग भी उसी में सम्मिलित है. जब किसी पर विश्वास नहीं है तो वह फोन टैपिंग करवा रहे हैं.लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव को लेकर बोला कि यह कोर्ट का मामला है, लेकिन हम यह बोलेेंग कि आखिर नीतीश कुमार की जमीर कहां मर गई है? 2005 में जब कैबिनेट में शपथ दिलाई गई तो उसके कुछ ही देर बाद डिग्री घोटाले में त्यागपत्र मांगा गया था. हम कभी पद के पीछे नहीं भागे. पद अपने आप मेरे पास आया है. राजनीति में 44 वर्ष हो गए. अब तो मेरा अंतिम है. हमने तो 5 ही घंटे में त्यागपत्र दे दिया था. अब जब उनके डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव चार्जशीटेड हैं तो नीतीश कुमार उसे रखे हुए हैं. त्यागपत्र दिलाना चाहिए नहीं तो खुद त्यागपत्र दे देना चाहिए.आगे मांझी ने बोला कि नीतीश कुमार का कॉन्फिडेंस लेवल हमेशा डगमगाते रहा है. किसी तरह खुद सीएम बने रहना चाहते हैं. अब तो ऐसी स्थिति हो गई है कि अपना दवा भूल जाते हैं कि खाए हैं या नहीं. हाथ में दवा रखकर दूसरे से मांगते हैं. जब याद दिलाई जाती है तो फिर दवा खाते हैं. जब ऐसी स्थिति हो गई है तो इनको राज्य हित में तो खुद त्यागपत्र दे देना चाहिए था.