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तो इसलिए CM नीतीश करवा रहे हैं फोन टैपिंग? जीतन राम मांझी कहा- 'हमने तो मां कसम खाई थी, परंतु ...'


संवाद 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने बड़ा वर्णन दिया है. बुधवार (12 जुलाई) को गया के गोदावरी स्थित अपने आवास पर जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर आक्रमण बोला. कहा कि 2005 और 2010 में नीतीश कुमार ने जो कॉन्फिडेंस के साथ बिहार में काम किया था अब वह कॉन्फिडेंस लेवल समाप्त हो गया है. यही वजह है कि नीतीश कुमार को अब किसी पर यकीन नहीं है जब जीतन राम मांझी पर नहीं है.जीतन राम मांझी ने आगे बोोला कि हमने तो मां कसम खाई थी कि आपको नहीं छोड़ेंगे लेकिन हमारे सामने शर्त रख दी कि मिल जाओ नहीं तो बाहर जाओ. जब महागठबंधन से बाहर निकल आए तो अब जासूसी का इल्जाम लगा रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि उनके मन में पहले से छल था. 

जो आदमी कमजोर हो सकता है कॉन्फिडेंस लेवल कम हो जाता है. 

वह किसी के बारे में कुछ भी सोच सकता है तो फोन टैपिंग भी उसी में सम्मिलित है. जब किसी पर विश्वास नहीं है तो वह फोन टैपिंग करवा रहे हैं.लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव को लेकर बोला कि यह कोर्ट का मामला है, लेकिन हम यह बोलेेंग कि आखिर नीतीश कुमार की जमीर कहां मर गई है? 2005 में जब कैबिनेट में शपथ दिलाई गई तो उसके कुछ ही देर बाद डिग्री घोटाले में त्यागपत्र मांगा गया था. हम कभी पद के पीछे नहीं भागे. पद अपने आप मेरे पास आया है. राजनीति में 44 वर्ष हो गए. अब तो मेरा अंतिम है. हमने तो 5 ही घंटे में त्यागपत्र दे दिया था. अब जब उनके डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव चार्जशीटेड हैं तो नीतीश कुमार उसे रखे हुए हैं. त्यागपत्र दिलाना चाहिए नहीं तो खुद त्यागपत्र दे देना चाहिए.आगे मांझी ने बोला कि नीतीश कुमार का कॉन्फिडेंस लेवल हमेशा डगमगाते रहा है. किसी तरह खुद सीएम बने रहना चाहते हैं. अब तो ऐसी स्थिति हो गई है कि अपना दवा भूल जाते हैं कि खाए हैं या नहीं. हाथ में दवा रखकर दूसरे से मांगते हैं. जब याद दिलाई जाती है तो फिर दवा खाते हैं. जब ऐसी स्थिति हो गई है तो इनको राज्य हित में तो खुद त्यागपत्र दे देना चाहिए था.


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