अपराध के खबरें

कटिहार गोलीकांड पर एक्शन में आई नीतीश सरकार, और बता दे कि DM और SP से मांगी गई संयुक्त जांच की रिपोर्ट


संवाद 

बिहार सरकार (Bihar Government) ने कटिहार जिले में बेहतर बिजली आपूर्ति को लेकर विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने पर पुलिस गोलीबारी में 2 लोगों की मृत्यु के एक दिन बाद को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से घटना की संयुक्त जांच रिपोर्ट मांगी है. बिहार पुलिस (मुख्यालय) के अपर महानिदेशक (एडीजी) जेएस गंगवार ने गुरुवार (27 जुलाई) को पटना में पत्रकारों से बोला कि बारसोई थाना इलाके में जहां घटना हुई वहां स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. सरकार ने कटिहार जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से जल्द से जल्द घटना की संयुक्त जांच रिपोर्ट भी मांगी है.कटिहार जिले में बुधवार (26 जुलाई) को बेहतर बिजली आपूर्ति की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव करने के बाद पुलिस की गोलीबारी में 2 लोगों की मृत्यु हो गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे. जिले के बारसोई थाने महज 100 मीटर की दूरी पर हुई इस घटना में 9 पुलिस कर्मी और 6 बिजली विभाग के कर्मचारी जख्मी हो गए.इस बीच, नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली भाकपा माले ने प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई की आलोचना की और मामले की जांच-पड़ताल के लिए विधायक सुदामा प्रसाद के नेतृत्व में पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बारसोई भेजा.

पुलिस ने बुधवार को बोला था कि लगभग 1,000 स्थानीय लोग बिजली विभाग कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. 

कुछ असामाजिक तत्व भीड़ में घुस आए और उन्होंने पथराव प्रारंभ कर दिया. उपद्रवियों को रोकने की कोशिश करने पर पुलिस दल पर भी ईंट, पत्थर और लाठियों से आक्रमण किया गया.वहीं कटिहार के जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने संवाददाताओं से बोला था, 'दो प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हो गई है, जबकि एक अन्य का अस्पताल में उपचार चल रहा है. मृतकों की पहचान बासल गांव निवासी खुर्शीद आलम (34) और सोनू शाह (26) के रूप में हुई है.’’पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बुधवार को संवाददाताओं से बोला था कि प्रदर्शनकारी एकाएक हिंसक हो गए और बिजली विभाग के परिसर में धावा बोल दिया. उन्होंने बोला था कि बारसोई अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित अधिकारियों को भी चोटें आईं, जिन्हें भीड़ ने बंधक बना लिया था, इसलिए आत्मरक्षा में गोलियों का प्रयोग किया गया. उन्होंने बोला कि जांच-पड़ताल जारी है और पुलिसकर्मियों पर हमले में सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.इस घटना की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने तीखी आलोचना की. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और राज्य भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नित्यानंद राय ने बुधवार को एक बयान जारी कर इल्जाम लगाया था कि यह घटना मुख्यमंत्री की पार्टी जद (यू) और सत्तारूढ़ महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद के नेतृत्व वाली सरकार की 'बर्बरता' को दर्शाती है.
भाकपा माले ने भाजपा पर कटिहार में 'भीड़ को उकसाने' का इल्जाम लगाया था. भाकपा माले विधायक दल के नेता मेहबूब आलम ने प्रत्येक मृतक के परिवार वालों को '20 लाख रुपये मुआवजा' और जख्मी प्रदर्शनकारी को अनुग्रह राशि देने की मांग की है.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live