उन्होंने स्थानीय सांसद और विधायक को भी आड़े हाथों लिया.
अधिवक्ता मो. नुरुल हुदा ने बोला कि शेरशाह वादी ऑल एसोसिएशन के सचिव की तरफ से परिवाद दायर किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अलावा पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. शाहजहां के विरुद्ध धारा 295ए, 153ए एवं 500 (मानहानि) के तहत परिवाद दायर किया गया है.'हम' के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने बयानों को लेकर हमेशा जिक्र में रहते हैं. 22 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर किशनगंज आए जीतन राम मांझी ने शेरशाह वादी समुदाय को विदेशी बताते हुए बोला था कि इन लोगों ने सीमावर्ती इलाकों में मौजूद गैरमजरूआ और आदिवासियों की जमीन को अवैध तरीके से कब्जा कर रखा है. शेरशाह वादी समुदाय के लोग यहां बाहर से आए हैं.जीतन राम मांझी ने यह भी बोला था कि जिस जमीन पर अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों का हक है उस पर शेरशाह वादी समुदाय ने कब्जा कर लिया है. शेरशाह वादी समुदाय के लोगों ने गलत तरीके से जमीन पर आशियाना बना लिया है. अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वो 15 दिन के अंदर बताएं कि कितनी जमीन की व्यवस्था हुई है.