लैंड फॉर जॉब मामले में सोमवार (3 जुलाई) को सीबीआई की तरफ से दाखिल आरोप पत्र में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का नाम आरोपी के तौर पर सम्मिलित हुआ है. इस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 12 जुलाई को सुनवाई होगी. इसी माजरे में सीबीआई पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और कई अन्य के विरुद्ध पहले ही आरोप पत्र दायर कर चुकी है. अब इसको लेकर सियासत तेज हो गई है.जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बोला कि इसकी आशंका तो तेजस्वी यादव को पहले से थी. तेजस्वी यादव काफी ज्यादा मजबूत व्यक्ति हैं. इन्होंने पहले ही बोला था कि यह सब होने वाला है. इस तरह डराने-धमकाने से कुछ नहीं होने वाला है. देश की जनता सब समझ रही है. उन्होंने बोला कि जिस मामले में चार्जशीट दायर की गई उस मामले में सीबीआई को पहले भी कोई साक्ष्य नहीं मिला है.ललन सिंह ने आगे बोला कि 2022 के अगस्त महीने में जब महागठबंधन की सरकार बनी उस समय भी इस तरह का कार्य हुआ था. बीजेपी पर आक्रमण करते हुए बोला कि ये लोग सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसे अपने तोते का इस्तेमाल करके लोगों को डराना चाहते हैं.
विपक्षी एकत्व को कमजोर करना चाहते हैं लेकिन कुछ नहीं होने वाला है. विपक्षी एकत्व मजबूती के साथ खड़ी है.
बीजेपी को वॉशिंग मशीन बताते हुए ललन सिंह ने बोला कि 5 दिन पहले प्रधानमंत्री भाषण में बोल रहे थे एनसीपी के नेता 70 हजार करोड़ के घोटाले में फंसे हुए हैं और 5 दिन बाद उनकी पार्टी में सम्मिलित होकर सरकार बना ली, तो बीजेपी वाशिंग मशीन है. वॉशिंग मशीन में आने के बाद सब धुल गए और विपक्षी एकत्व में जो हैं वह भ्रष्टाचारी हैं.
इसकी आशंका आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार सरकार के मंत्री तेजप्रताप यादव को पहले से थी. 24 जून को ही इन्होंने अपने एक प्रोग्राम में भाषण के दौरान बोला था कि अभी गठबंधन का प्रोग्राम चल रहा है. शिमला में बैठक होने वाली है तो बीजेपी के लोग अब नया हथकंडा अपनाएंगे. सीबीआई और ईडी की जांच-पड़ताल करवाएंगे. ये लोग हिंदू-मुस्लिम के नाम पर देश को तोड़ने एवं गांव-गांव में जाकर लोगों को भड़काने का कार्य कर रहे हैं.