बिजेपी के विधानसभा मार्च के दौरान लाठीचार्ज की कार्रवाई पर चिराग पासवान ने बोला कि इससे ज्यादा शर्मनाक और निंदनीय और कुछ नहीं हो सकता है, जिस राज्य के मुख्यमंत्री राज्य के सरकार अपने अधिकारों को आप की नीतियों से सहमत होने वाले हर व्यक्ति पर लाठी चलाने का कार्य करते हैं और उससे एक व्यक्ति की जान चली जाए, यह कहां का इंसाफ है?
जो लोग बार-बार बोलते हैं कि लोकतंत्र की कत्ल हुई है तो क्या यह लोकतंत्र की कत्ल नहीं है?
सही मायनों में लोकतंत्र की खूबसूरती होता है जहां पर सत्ता पक्ष के सामने विपक्षी अपनी बातों को इतनी मजबूती से रख सके.एलजेपी रामविलास के अध्यक्ष ने सीएम नीतीश कुमार पर आक्रमण बोलते हुए कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है? जहां पर सत्ता विरुद्ध आवाज उठाया जाए तो शिक्षक, छात्र, किसान सभी की आवाज को दबाने का कार्य करेंगे. इससे ज्यादा निंदनीय शर्मनाक किसी भी राज्य के लिए कुछ नहीं हो सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदारी लेनी होगी. प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं और जवाबदेही तय करनी होगी. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पर जिस तरीके से लाठीचार्ज में उनकी कत्ल की गई. इस बात की जिम्मेदारी लेनी होगी और जो भी आरोपी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई हो. ललन सिंह के बयान पर चिराग पासवान ने बोला कि आप कितना बोलेंगे हद है. इस तरीके इतनी बड़ी घटना हो जाती है. एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और मुख्यमंत्री को कोई फर्क पड़ता है. आज तक किसी परिवार से जाकर मुख्यमंत्री ने मिलना आवश्यक नहीं समझा है, लेकिन उस परिवार का क्या? जिसने अपने सदस्य को खोया है. सियासत करते करते आप इतने ज्यादा सियासत में उलझ जाएंगे कि किसी के दर्द से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं, आरजेडी के बयान पर चिराग पासवान ने बोला उनके बारे में क्या बोला जाए. कुछ दिन पहले जब इनके विधायकों को मार्शल के द्वारा पकड़कर बाहर ले जाया गया तो उस पर सबसे ज्यादा परेशानी हुई थी. यही लोग मुख्यमंत्री को तानाशाह बोल रहे थे, जब उनके साथ हैं तो उनके स्वर बदल जाते हैं.