इससे सीधा है कि विपक्ष के सभी लोगों के मन में सिर्फ कुर्सी दिख रही है.
मोदी हटाओ के अलावा उनके पास कोई एजेंडा नहीं है.आरएलजेडी प्रमुख ने बोला कि नरेंद्र मोदी का विकल्प 2024 तक नहीं है. नरेंद्र मोदी के मुकाबले में जो भी लोग हैं, एक पहलवान के विरुद्ध दूसरा कोई पहलवान थोड़ा सा भी मुकाबले में दिखे तो कोई आशा भी कर सकता है कि लड़ाई हो सकती है, लेकिन इतना ज्यादा अंतर है कि कहीं कोई लड़ाई की स्थिति बनने ही वाली नहीं है. ऐसी परिस्थिति में मोदी के समक्ष कोई चैलेंज नहीं है. यह बात मैं बार-बार बोल रहा हूं. उन्होंने विपक्ष पर आक्रमण करते हुए बोला कि इनके पास एजेंडा ही नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा ने बोला कि पहले तो एजेंडे की बात है. नरेंद्र मोदी का जो एजेंडा है उसकी कोई आलोचना करें या प्रशंसा करें यह विषय है, लेकिन इनके पास तो कोई एजेंडा ही नहीं है. जनता के सामने जब तक वैकल्पिक ठोस एजेंडा को लेकर कोई भी बात न करें तो उस पर जनता का ध्यान ही नहीं जाएगा. वहीं, विपक्षी बैठक पर उन्होंने बोला कि विपक्ष की पहली ही बैठक में लालू प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया था. बोला जाता था कि नीतीश कुमार की पैरवी लालू प्रसाद करेंगे, लेकिन लालू यादव ने बोला कि हम लोग बाराती हैं. दूल्हा तो राहुल गांधी हैं. लालू प्रसाद ही जब ऐसा बोल रहे हैं. उसके बाद चीजें स्पष्ट करने के लिए बचती कहां है?