चिराग को सभी जाति के लोग पसंद करते हैं.
2020 विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने 135 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय किया और ज्यादातर ऐसी सीटों पर उम्मीदवार दिए जहां से जेडीयू के उम्मीदवार मैदान में थे. हालांकि यह भी बोला गया कि वे यह सब बीजेपी के इशारे पर कर रहे थे. परिणाम यह हुआ कि करीब 6 फीसदी वोट पा कर खुद की पार्टी को तो नहीं जीत दिला पाए लेकिन जेडीयू की सीटों की संख्या पिछले चुनाव के मुकाबले 28 कम करने में वे कामयाब रहे. जेडीयू 43 सीटों पर ही जीत सकी. चिराग के इस खेल से नीतीश कुमार को काफी घाटा हुआ था.अभी 2024 में लोकसभा चुनाव और 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में बीजेपी बिहार में काफी फोकस की हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार का कई बार दौरा कर चुके हैं. उसके साथ ही बीजेपी इन दिनों नीतीश के विरुद्ध वाले सभी नेताओं को भाव दे रही है. इसमें उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी और चिराग सम्मिलित हैं. बीजेपी को चिराग से ज्यादा आशा है. बीजेपी चिराग का करामात 20220 चुनाव में देख चुकी है.2024 और 2025 चुनाव में बीजेपी चिराग को पिछली बार से ज्यादा सीटें दे सकती है. बीजेपी नीतीश कुमार को पूरी तरह से डैमेज करना चाहती है. इसके लिए बीजेपी एक बार फिर चिराग पासवान पर यकीन करेगी. बिहार की सियासत को चिराग पासवान अच्छे से समझते हैं. चिराग पासवान निरंतर बिहार के सभी जिलों में दौरा कर रहे हैं. एक सीटों पर जीत की समीकरण तैयार कर रहे हैं. चिराग के इस समीकरण से बीजेपी को काफी ज्यादा लाभ मिलेगा. चुनावी मैदान में महागठबंधन के विरुद्ध चिराग पासवान ऐसे उम्मीदवार को उतारेंगे जो महागठबंधन को मात दे सके. बिहार की सियासत में चिराग पासवान के अनुभव से बीजेपी की सीट शेयरिंग जीत के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा. चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार को एकबार पटखनी दे चुके हैं. इस बार भी महागठबंधन की कठिनाइया बढ़ने वाली है.