बीजेपी ने पूरी भारत की ताकत लगा दी और मैंने बोला था कि 100 पार भी नहीं होंगे.
बीजेपी वाले हुए 100 पार? जितना पैसा लगाना था इन्होंने लगा दिया पर कुछ नहीं हुआ.पीके ने बोला कि समाज में कई ऐसे लोग हैं जो लड़ने के लिए लड़ते हैं. हम उनमें से नहीं हैं. अगर लड़ने आए हैं तो इस बात को मान कर चलिए कि जीतने का खाका भी दिमाग में लेकर आए होंगे. सोच समझकर आए हैं कि ये कठिन कार्य है. इसको करने में कितनी ताकत लगानी पड़ेगी, कितना पसीना बहाना पड़ेगा, कितनी व्यवस्था बनानी पड़ेगी और कितना संसाधन लगाना पड़ेगा. सब कुछ सोच-समझकर व्यवस्था बनाने आए हैं. पीके अपने मकसद में सफल हो गए तो उलटफेर कितना होगा यह समय बताएगा.रोसड़ा प्रखंड में प्रशांत किशोर ने जन संवाद के दौरान आगे बोला कि ये जितने नेता हैं ये सोच रहे हैं कि मुझे धकिया देंगे. हम धकियाने वाले आदमी हैं? बड़े-बड़े लोगों के नाक में दम कर देते हैं. हम बिहार के लड़के हैं. देशभर का नेता जब चुनाव लड़ता है तो मुझसे राय लेता है तो ये नेता मेरा क्या करेंगे. एक बार समाज खड़ी हो गई तो जन बल के आगे कोई बल नहीं है. बिहार के फ्यूचर के लिए सोचिए और किसी का बंधुआ मजदूर मत बनिए.