आखिर ये लाठी बरसाई क्यों गई.
जान लीजिए और इसके पीछे की क्या मंशा थी. बिहार सरकार यदि बोलती है कि वह मजमा नाजायज था तब हमने लाठी चार्ज की है. आरसीपी सिंह ने पूछा कि एक भी वीडियो क्लिप है जिसमें कोई हिंसा करते दिख रहा हो, कहीं आगजनी कर रहे हो, कहीं सरकारी संपत्ति का नुकसान कर रहे हो, ऐसा कुछ नही है. यह तो एक तरफा हुआ है. यह साफ दिखता है की नीतीश कुमार महागठबंधन के जो साथी हैं उनके सामने सरेंडर कर गए हैं और जो पूरी के पूरी कमान अपने उप मुख्यमंत्री को सौंप दिए हैं.पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बोला कि बीजेपी पर हुई लाठीचार्ज पर एक बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुंह नहीं खोला है. साथी विजय सिंह की कत्ल हुई, उनको संवेदना भी नहीं दिए, आखिर वो कौन थे? बिहार के रहने वाले थे, आप तो बोल नहीं रहे हैं और तेजस्वी यादव बोल रहे हैं. वहीं, आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार को बीते बात को याद दिलाई, आरसीपी सिंह ने बोला कि जो साथी की कत्ल हुई है वह 2019 में लोकसभा के चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार थे उनके लिए प्रचार किया था. कहा जाए तो नीतीश कुमार किसी का नहीं है. किसी का साथ नहीं दे रहे हैं. इनका वक्त खत्म हो गया है.