महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से भूचाल आ गया है. एनसीपी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजित पवार (Ajit Pawar) बगावत करते हुए शिंदे-फडणवीस सरकार में सम्मिलित हो गए हैं. इन्होंने रविवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं, इसको लेकर बिहार की सियासत भी गरमा गई है. इस पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने ट्वीट कर आरजेडी (RJD) और जेडीयू (JDU) पर ताना कसते हुए बोला कि पारिवारिक राजनीतिक दल के लिए यह घटनाक्रम एक नसीहत है.निखिल आनंद ने ट्वीट कर लिखा कि 'महाराष्ट्र में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में जो कुछ भी हुआ वह किसी भी पारिवारिक राजनीतिक दल और नीजी पॉकेट की दुकान के लिए नसीहत है. समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड जैसी पार्टी एनसीपी के साथ हुए घटनाक्रम में अपने फ्यूचर का दर्शन कर सकती है.'बता दें कि महाराष्ट्र में एनसीपी के बड़े नेताओं में शुमार अजित पवार ने विद्रोह करते हुए, महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार में सम्मिलित हो गए हैं.
जिसके बाद आनन फानन में अजित पवार को डिप्टी सीएम के पद की शपद दिलाई गई.
उनके साथ एनसीपी के कुल 9 नेताओं ने महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ ली है. वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उनमें से 30 विधायक अजित पवार के साथ हैं. दल बदल कानून से बचने के लिए दो तिहाई विधायकों का अजित पवार के साथ आना आवश्यक है. हालांकि, पार्टी के ज्यादातर विधायक शरद पवार के समर्थक हैं. इस स्थिति में उनका पाला बदलना कठिन है.