उंगली के चोट पर ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री मणिपुर में बहनों के निवस्त्र परेड पर चुप बैठे हैं.
बता दें कि विपक्षी दलों के प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव का संख्याबल के लिहाज से असफल होना तय है लेकिन उनकी दलील है कि वे जिक्र के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरकर ‘अवधारणा’ बनाने की लड़ाई जीत जाएंगे. विपक्षी दलों ने दलील दी कि यह मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में कहने के लिए विवश करने की रणनीति भी है. सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि मणिपुर की स्थिति पर जिक्र का जवाब केवल केंद्रीय गृह मंत्री देंगे. अविश्वास प्रस्ताव का फ्यूचर पहले से तय है क्योंकि संख्याबल स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में है और विपक्षी समूह के निचले सदन में 150 से कम सदस्य हैं.