डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना सुशील कुमार मोदी ने बोला कि जो लोग कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रहे थे,
इन्होंने कैबिनेट की 100 से ज्यादा बैठकों के बाद 100 लोगों को भी नौकरी नहीं दी.
महागठबंधन सरकार बनवा कर नीतीश कुमार ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार, अपराध और वोटबैंक की राजनीति (सांप्रदायिकता) से समझौता किया, जिससे पिछले एक वर्ष जंगलराज-रिटर्न जैसा रहा.सुशील मोदी ने बोला कि भ्रष्टाचार से समझौता करने के कारण मुख्यमंत्री ने नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोप-पत्र दायर होने के बावजूद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से न बिंदुवार जवाब मांगा, न उनसे त्यागपत्र लिया. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के चलते बिहार शरीफ और सासाराम में रामनवमी की शोभायात्रा पर आक्रमण करने वालों को बचाया गया, जबकि बीजेपी के पूर्व विधायक को फर्जी इल्जाम लगाकर जेल भेजा गया.राज्यसभा सांसद ने अंत में ने बोला कि लालू राज की वापसी के भय से बिहार में एक वर्ष के दौरान कोई भी बड़ा निवेशक नहीं आया. नीतीश सरकार की पुलिस शिक्षकों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर तो लाठी भांजती रही, जबकि बालू-शराब माफिया के हाथों जगह-जगह मार खाती रही. गृह मंत्री भी नीतीशे कुमार हैं, लेकिन वे अपनी जिम्मेवारी नहीं लेते. नीतीश कुमार के पलटी मारने से जनता ने बहुत-कुछ झेला, लेकिन 2024 के संसदीय चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव के बाद बिहार को नीतीश-लालू राज से जरुर मुक्ति मिलेगी.