हालांकि इस पर कांग्रेस के नेताओं का कोई स्पष्ट बयान नहीं है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 16 और 17 अगस्त को बैठक बुलाई थी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी से 35 नेताओं के नामों की सूची मांगी गई थी. जिक्र है कि बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने सूची में जिन नामों को सम्मिलित किया था वो संतोषजनक नहीं थे. इसको लेकर पार्टी ने नाराजगी जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और प्रभारी भक्त चरण दास के बीच तकरार है. दोनों ने नेताओं के नाम अलग-अलग दिए हैं.इस पूरे मामले पर बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बताया कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सभी राज्यों के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर जिक्र कर रहे हैं. बिहार से 32 से 35 लोगों की लिस्ट मांगी गई थी. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास की सहमति से सूची भेजी गई है. इनमें वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ विधायक भी वरिष्ठ के तौर पर हैं. इस बैठक में यह महत्वपूर्ण नहीं है कि विधायक हो, बल्कि वरिष्ठ अनुभवी नेता महत्वपूर्ण हैं. कई राज्यों में 100 से ज्यादा हमारे विधायक हैं तो सबका नाम लिस्ट में नहीं जा सकता है. जो विधायक वरिष्ठ नेताओं की सूची में हैं उनको केंद्रीय नेतृत्व ने आमंत्रित किया है.