चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग को लेकर पूरा देश उत्सुक है. इसरो (ISRO) के कई वैज्ञानिक इस पूरे काम में लगे हैं. भारत के मून मिशन चंद्रयान 3 के शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के साउथ पोलर हिस्से में लैंडिंग की आशा है. इस बीच पूजा-पाठ का दौर भी प्रारंभ हो गया है. चंद्रयान 3 की टीम में बिहार के गया जिले के खरखूरा मोहल्ले के रहने वाले इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार भी सम्मिलित हैं. इसको लेकर घर वाले गर्व महसूस कर रहे हैं.सुधांशु के मां–पिता ज्यादा उत्साहित दिख रहे है. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए वैज्ञानिक सुधांशु के माता-पिता मंगलवार (22 अगस्त) को पूजा-पाठ करते दिखे. सुधांशु के पिता ने अपने बेटे के बारे में विशेष बात भी बताई है. दरअसल वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के पिता महेंद्र प्रसाद अपने घर में ही आटा मिल चलाते हैं. उन्होंने बताया कि चंद्रयान 3 की लैंडिंग का वक्त जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे बेचैनी बढ़ रही है.
सुधांशु के पिता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के परिणाम या उसकी नौकरी के लिए कभी पूजा-पाठ या दुआ नहीं मांगी.
भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि चंद्रयान 3 का सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग हो. क्योंकि इसके साथ मेरे बेटा का भी नाम जुड़ा है और यह पूरे देश के लिया एक गौरव की बात है. माता–पिता ने घर के बाहर देवी-देवताओं की पूजा की. बोला कि यही कामना कर रहे हैं कि चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग रहे.सितंबर 2021 में सुधांशु ने इसरो में वैज्ञानिक के रूप में ज्वाइन किया था. वर्तमान में वह श्रीहरिकोटा में पदस्थापित हैं. चंद्रयान 3 के लॉन्च व्हीकल बनाने की टीम में सुधांशु सम्मिलित हैं. लांच व्हीकल बनाने में कुल 30 लोगों की टीम थी जिसमें तीसरे वैज्ञानिक सुधांशु हैं. सैटेलाइट को ऑर्बिट तक पहुंचाने का कार्य लॉन्च व्हीकल द्वारा किया जाता है.