चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने आज इतिहास रच दिया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) के चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया. लैंडर विक्रम (Lander Vikram) और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की और इतिहास रच दिया.
इस सफलता के दो बिहार का लाल भी चंद्रयान-3 का मिशन में सामिल है। बिहार के लोग आज किसी से कम नही है, वह नौजवान का नाम है रवि कुमार और अमिताभ इन्होंने अपने टीम के साथ मिलकर कड़ी मेहनत करके इस मिशन को पूरा करके बहुत ही बड़ी उपलब्धि हासिल कि है।कहते हैं ना कि “प्रतिभा किसी चीज़ की मोहताज नहीं होती है”, इस कहानी को बिहार राज्य के सीतामढ़ी से विलॉन्ग करने वाले इस रवि कुमार ने अपने कड़ी मेहनत के दम पर ये साबित कर दीया है की दुनिया में यदि किसी चीज को हासिल करने के लिए दिल से ठान लिया जाय तो मुकदर भी उसके सामने झुक जाती है। ठीक उसी प्रकार रवि कुमार ने इसरो के वर्तमान अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ के निर्देशानुसार अनुसार कार्य करके मुकदार को अपने सामने झुका देने का कार्य किया है।जब से चंद्रयान-3 देश विदेश में काफ़ी चर्चा का विषय बना है, सब के मन में बस आज का दिन 23 अगस्त का ही ख्याल आता है। आज के साम को भारत एक बहुत बड़ा इतिहास रच दिया है। जिसे भारत के लोग ही नही बल्कि पूरे विश्व में इस बात को याद किया जायेगा। क्योंकि भारत ऐसा पहला देश है जो पूरे विश्व में पहला बार चंद्रमा पर दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैडर के मदद से चंद्रयान-3 को सुरक्षित लैंड किया । इस मिशन में रवि कुमार का मेन काम नेटवर्क सिक्यूरिटी को देख रेख करना है।रवि ने अपने पढ़ाई नवोदय विद्यालय से किये है, इन्होंने नेटवर्क सिक्यूरेटी के तौर पर जब चंद्रयान-2 लॉच हुआ था उस मिशन में भी ये सामिल थे l रवि कुमार का घर सीतामढ़ी जिला में स्थित पुपरी गांव में है।चंद्रयान 3 में सामिल दूसरा बिहार का लाल अमिताभ हैं, इन्होंने अपनी पढ़ाई एएन कॉलेज से पूरी की है। इनका घर समस्तीपुर जिला में स्थित कुबौली गांव में है। अमिताभ ने साल 2002 से ही इसरो के लिए काम कर रहे हैं। इन्होंने भी अन्य सभी बैज्ञानिको की तरह कड़ी मेहनत करके इस मिशन में अपना योगदान दीया है। चंद्रयान 3 मिशन में यह डिप्टी डायरेक्टर एवं ऑपरेशन डायरेक्टर के रूप में काम किये हैं।