रोहित को जब जीवनसंगिनी के रूप में नेहा मिली तो लोग बोल उठे कि मंदिर सचमुच नाउम्मीद लोगों में उम्मीद का ज्योत जगा रहा है. तेजपुरवा लेरुआ निवासी सत्येंद्र सिंह के पुत्र रोहित को नहीं लगता था कि उसकी भी कभी शादी हो पाएगी. अपनी लंबाई को लेकर परेशान रोहित की कई बार लोग मजाक भी बनाते थे.
लोगों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता था लेकिन अब उसका घर बस गया है.
वहीं बनियापुर खबसी निवासी शुभ नारायण प्रसाद की पुत्री नेहा की 47 इंच लंबाई होने के वजह से उसकी भी शादी नहीं हो पा रही थी. वर-वधू पक्ष के परिवार वालों ने बताया कि दोनों परिवार परेशान थे लेकिन भगवान हर किसी की जोड़ी बनाकर भेजता है. अब दोनों की शादी के बाद परिवार के लोग निश्चिंत हो गए हैं. बताया जाता है कि रोहित ने कंपाउंडर का कार्य सीखा और नौकरी भी करता है.दुल्हन बनी बनियापुर खबसी निवासी नेहा और दूल्हा बना रोहित घर बस जाने से बेहद खुश दिखे. दोनों ने बोला कि लंबाई कम होने से मजाक भी बनता था. उन्हें अपने दोस्तों की शादी देखकर खुद की शादी का ख्याल तो आता था लेकिन शादी होगी ऐसा नहीं लगता था. नेहा ने बोला कि मन में अरमान तो थे लेकिन अरमान मन में ही रह जाते थे. अब उसे भी जीवनसाथी मिला है. अब वह भी संपूर्ण हो गई है और दोनों एक-दूसरे का सहारा बनेंगे.