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जातिगत गणना पर पटना हाईकोर्ट के निर्णय पर तेजस्वी यादव ने दी पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या बोला?


संवाद 

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित गणना के राज्य सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं. मामले में मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ का निर्णय आने के बाद अदालत के बाहर पत्रकारों से मुखातिब याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने बोला कि वह आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.कुमार ने बताया, “पीठ ने खुली अदालत में बोला कि वह सभी याचिकाओं को खारिज कर रही है.” इन्होंने बोला, “हमें अभी इस निर्देश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है. 

फैसला देखने के बाद ही हम कुछ और बोल सकेंगे.

 बेशक, निर्णय का तात्पर्य यह है कि राज्य सरकार सर्वेक्षण कर सकती है. हालांकि, हम इस निर्णय के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.”हाईकोर्ट के फैसले के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया. इन्होंने बोला- हमारी सरकार के जाति आधारित सर्वे से प्रामाणिक, विश्वसनीय और वैज्ञानिक आँकड़े प्राप्त होंगे. इससे अतिपिछड़े, पिछड़े तथा सभी वर्गों के गरीबों को सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा. जातीय गणना आर्थिक न्याय की दिशा में बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा.
हमारी माँग है कि केंद्र सरकार जातीय गणना करवाए. OBC प्रधानमंत्री होने का झूठा दंभ भरने वाले देश की बहुसंख्यक पिछड़ी और गरीब आबादी की जातीय गणना क्यों नहीं कराना चाहते? 
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष एनडीए की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया था. इसके बाद दो चरणों में गणना कराने का फैसला लिया गया. इस वर्ष जनवरी में इस कार्य के पहले चरण की शुरुआत की गई. जबकि, दूसरा चरण अप्रैल में प्रारंभ हुआ. दूसरे चरण के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जाति आधारित गणना पर अस्थायी रूप से पाबंदी लगा दी थी.

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