बिहार के शिक्षा विभाग ने पर्व-त्योहारों में कई छुट्टियों को रद्द (Bihar School Holiday) कर दिया है. इस पर जहां राजनीतिक गलियारों में जिक्रबाजी का दौर चल रहा है, तो वही शिक्षा विभाग के आदेश को बच्चे भी पालन नहीं कर रहे हैं. 29 अगस्त को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के आदेश पर सभी स्कूलों में छुट्टी रद्द करने का आदेश दिया गया, जिसमें रक्षाबंधन पर्व की भी छुट्टी को रद्द कर दिया गया है, लेकिन बच्चों ने शिक्षा विभाग के आदेश को ठेंगा दिखा दिया है. हालांकि शिक्षक अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए आदेशों का पालन करने स्कूल आए हुए थे.रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर पटना के अधिकांश स्कूलों की स्थिति एक जैसी दिखी. कई स्कूलों के एक भवन में ही दो से तीन स्कूल चलते हैं. कहीं सुबह 6:30 से 11:30 तक स्कूल है तो कहीं 9:00 से तो कहीं 11:30 से 5:00 बजे तक स्कूल चलता है, लेकिन सभी स्कूलों की स्थिति वैसी ही है. एबीपी न्यूज के ग्राउंड रिपोर्ट में देखा गया कि साथ 6:30 बजे शिक्षक स्कूल तो आ गए, लेकिन 10:00 बजे दिन तक एक भी बच्चे स्कूल में नहीं आए. फतुहा के व्यापार मंडल बालिका प्राथमिक विद्यालय में वही स्थिति देखी गई.
प्रखंड कॉलोनी मध्य विद्यालय फतुहा, स्टेशन रोड प्राथमिक विद्यालय की स्थिति भी वैसी ही रही.
शिक्षकों ने बताया कि आज से पहले रक्षाबंधन की छुट्टी मिलती रही है. इस साल भी कैलेंडर में छुट्टी थी, लेकिन अचानक 29 अगस्त को हम लोग को लेटर मिला. कल हम लोगों ने सभी बच्चों को बोल दिया कि स्कूल 31 अगस्त को खुले रहेंगे. कई अभिभावकों को भी हम लोगों ने बोला, लेकिन पर्व का दिन है इसलिए एक भी बच्चा स्कूल नहीं आया है. शिक्षकों ने बोला कि हम लोग को रिपोर्ट भेजना रहता है इसलिए हम लोग तो आएंगे. सभी स्कूलों में टीचर आए हुए हैं और बैठे हुए नजर आए.व्यापार मंडल बलिका विद्यालय के एक टीचर मुकेश कुमार ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर ताना कसते हुए बोला कि उनका यह आदेश स्वागत योग्य है. हम तो बोलेंगे कि रविवार की छुट्टी को भी समाप्त कर दें, एक शिफ्ट नहीं, दो-दो शिफ्ट में पढ़ाई करवाएं. बच्चे आए चाहे नहीं आए, हम लोग दिन-रात स्कूल में ही रहेंगे. कुछ ना भी बोलते हुए शिक्षक लोग काफी ज्यादा गुस्से में दिख रहे थे, लेकिन कैमरे पर कुछ भी कहने से मना करते रहे.