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गुरुग्राम हिंसा में सीतामढ़ी के हाफिज मो. शाद की हो गई थी मृत्यु, शव आते ही परिजन हुए बदहवास, पढ़ें रिपोर्ट

संवाद 


हाफिज मो. शाद का शव (Sitamarhi News) बुधवार को घर आते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया. सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण उसके घर पहुंच कर परिजन को ढांढस बंधाने की कोशिश करने लगे. बुजुर्ग पिता मो. मुश्ताक उर्फ लड्डू और माता सनोवर खातून का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों अब भी बदहवास हैं. बता दें कि अभी हाल ही में हाफिज मो. शाद गुरुग्राम के मस्जिद में नायब इमाम बना था. बीते दिनों कुछ असामाजिक तत्वों ने मस्जिद में घुस कर 3 लोगों की कत्ल (Haryana Clash) कर दी थी, जिसमें नायब इमाम मो.शाद भी सम्मिलित था.नानपुर थाना इलाके के पंडौल बुजुर्ग अंतर्गत मानियाडीह गांव निवासी मो. मुस्ताक का पुत्र हाफिज मो. शाद चार पांच सालों से हरियाणा के गुरुग्राम में ट्यूशन पढ़ाकर अपने परिवार का गुजर बसर कर रहा था. 

वहीं, हाफिज मो.शाद का शव बुधवार को उसके घर आया. 

 मो शाद के परिवार में उसके माता-पिता के अलावे उसका बड़ा लड़का मो. शादाब भी गुरुग्राम में ही अपने भाई के साथ रहता था. उसके अलावे 4 बहनें भी हैं, जिसमें से एक बहन की शादी हुई है. तीन बहनों की शादी की जिम्मेदारी मो. शाद के कंधे पर ही थी. अब मो. शाद के पिता और माता को इस बात का गम सताए जा रहा है कि उनकी तीनों लड़कियों की शादी कैसे होगी.मौके पर उपस्थित बाजपट्टी के विधायक मुकेश कुमार यादव ने हरियाणा सरकार से हाफिज मो. शाद के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने और उचित मुआवजा की मांग की. साथ ही विधायक ने मृतक के परिवार वालों को बिहार सरकार से उचित मुआवजा देने की भी बात बोली. बता दें कि, हरियाणा के मेवात में सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा के बाद गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित मस्जिद में आग लगा दी गई थी. इस हमले में मस्जिद के इमाम की मृत्यु हो गई थी. वहीं, हरियाणा में हिंसा भड़कने के बाद से ही पुलिस हाई अलर्ट पर है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की टुकड़ियों को तैनात किया गया है. सभी संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी की जा रही है.


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