मैनें कभी पद के लिए सियासत नहीं की है.
आमजनों की आवाज को जब भी दबाने का प्रयत्न किया गया. मैनें हमेशा उनके पक्ष में खड़े रहकर जोरदार ढंग से उनकी आवाज को उठाने का कार्य किया."उन्होंने आगे बोला कि वो राजनीति सत्ता के लिए नहीं करते. सेवा के लिए करते हैं. सत्ता की ताकत इंसाफ दिलाने के लिए होनी चाहिए. सत्ता सुख सुविधा के लिए नहीं होनी चाहिए. ईमानदार कार्यकर्ता वह है जो सत्ता त्याग कर आम लोगों की सुख दुःख में उनका साथ दे. उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी के नीति और सिद्धांतों को जिला, प्रखंड, पंचायत के साथ-साथ बूथों तक ले जाने का आग्रह किया.
उन्होंने बोला कि 2005 के पहले का बिहार या नया बिहार बनाना चाहते हैं, निर्णय आपको करना है. बिहार में फिर से पुराना मंजर दिखने लगा है. बिहार का कोई विकल्प है तो राष्ट्रीय लोग जनता दल है. उन्होंने बोला कि उपेंद्र कुशवाहा ने रास्ता अवश्य बदला है, लेकिन लक्ष्य नहीं बदला है.