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तेजस्वी यादव का पीएम मोदी पर आक्रमण, कहे- 'वो लोकतंत्र को नष्ट कर महाराजा बनना चाहते हैं'

संवाद 


बिहार (Bihar) के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को इल्जाम लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) देश में लोकतंत्र को बर्बाद करना चाहते हैं और खुद को ‘महाराजा’ के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे तेजस्वी ने प्रधानमंत्री पर अपने संबोधन में तब ‘सफेद झूठ’ बोलने का इल्जाम लगाया, जब उन्होंने बिहार के दरभंगा जिले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की बात की.तेजस्वी ने बोला, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा दरभंगा में एम्स का उल्लेख करना सरासर झूठ है, जिसका निर्माण अभी तक नहीं हुआ है. वह मुझे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की याद दिलाते हैं, जिन्होंने सरकार की उपलब्धियों में से एक के रूप में कुछ वक्त पहले पूर्णिया हवाई अड्डे का चर्चा किया था, जिसका संचालन बहुत दूर है.’’तेजस्वी ने बोला, ‘‘तथ्य यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एम्स, दरभंगा के लिए पहल की थी और राष्ट्रीय राजमार्ग से कुछ किलोमीटर की दूरी पर भूखंड भी आवंटित किया गया. लेकिन केंद्र ने भूखंड के स्थान के सुविधाजनक नहीं होने का दावा करके इसमें रोड़े अटकाए.’’राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी ने बोला कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ टेलीफोन पर बातचीत में केंद्र के रुख में बदलाव पर निराशा व्यक्त की थी. 

इस संबंध में उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पत्र की एक प्रति भी साझा की. 

मोदी ने पश्चिम बंगाल में पंचायती राज परिषद को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए एम्स, दरभंगा की बात की. उन्होंने प्रस्तावित अस्पताल का चर्चा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि देश के सभी हिस्सों में प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को चिकित्सा उपचार के लिए लंबी दूरी की यात्रा न करनी पड़े.तेजस्वी ने बोला, ‘‘सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री को लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं की कोई परवाह नहीं है. उनके लिए, केवल एक चीज जो मायने रखती है, वह है चुनाव जीतना और सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना. वह लोकतंत्र को नष्ट करना चाहते हैं और महाराजा बनना चाहते हैं.’’उपमुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘लेकिन, अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करारा झटका लगने वाला है. शुरुआत बिहार से हुई, जहां दो कद्दावर नेताओं नीतीश कुमार और (राजद सुप्रीमो) लालू प्रसाद ने बीजेपी को हराने के लिए हाथ मिलाया. यही वजह है कि हाल में संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जिक्र 
 के दौरान केंद्र में सत्तारूढ़ राजग की सोच पर बिहार का दबाव नजर आया.’’तेजस्वी ने बोला, ‘‘यह प्रस्ताव मणिपुर के मुद्दे पर लाया गया था. इसे शायद ही प्रधानमंत्री ने संबोधित किया. विपक्ष को उनसे सकारात्मक प्रतिक्रिया की आशा थी, शायद एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के गठन की भी, जिसका वह नेतृत्व करते. सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए विभिन्न विचारधारा के राजनीतिक प्रतिनिधि एक साथ पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करते.’’ राजद नेता ने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जाति गणना कराने से मना करने से जाति जनगणना के संबंध में बीजेपी के इरादे ‘‘उजागर’’ हो गए हैं.

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