भारत सरकार निरंतर लोगों के साथ अनदेखी कर रही है.
इन सभी समस्याओं को लेकर मुखिया अपनी आवाज को बुलंद क्यों नहीं करते हैं? इन सभी कामों को पंचायत के मुखिया ही देखते हैं. इसके बावजूद इन सभी प्रश्नों पर केंद्र सरकार से मुखिया क्यों नहीं प्रश्न करते हैं. सिर्फ राज्य की सरकार पर लालछन लगाना कहीं से भी उचित है. मुखिया लोगों को चिंता राज्य के गरीब मजदूरों की करनी चाहिए, जो दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करते हैं.धरने पर बैठे मुखिया ने सरकार पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए बोला कि हम लोग से पंचायत भवन को छीन लिया गया है और नल जल योजना जो पंचायत स्तर से कार्य कराया जाता है उस योजना को भी छीन लिया गया है. एक मुखिया को 2500 रुपए वेतन दिया जाता है बल्कि क्षेत्र के विधायक को 10 रुपए प्रति किलोमीटर भत्ता दिया जाता है. मुखिया ने यह भी बताया है कि पहले पंचायत स्तर पर जाति, आय, निवास ग्रामीणों को बनाया जाता था, लेकिन अब प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता है जिससे ग्रामीणों को काफी ज्यादा परेशानी हो रही है. हमारी मांगे को जल्द से जल्द सरकार पूरा करे वरना हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.