इसमें जो ऑर्गेनिक रंग जो होते हैं, उनका ही प्रयोग किया जाता है.
पंकज मिश्रा ने बताया कि इसमें केमिकल की किसी तरह की कोई मात्रा नहीं होती. उसके बाद इस राखी की बुनाई की जाती है. इस पूरे प्रोसेस के बाद हम लोग एक घंटे में 3 से 4 राखी बना पाते हैं. हमारे भंडार से करीब 25 से 30 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. हम लोग दो-तीन वर्ष से सिक्की की राखी बना रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री के लिए सिक्की की राखी तैयार करने वाली राधा झा दरभंगा जिला के मनीगाछी प्रखंड के मकरंदा गांव के रहने वालीं हैं. उनके पति नरेश झा भी मकरंदा में ही दरभंगा खादी भंडार के कामगार हैं.
रक्षाबंधन को लेकर देशभर के 51 खादी भंडार को चयनित किया गया. उसी क्रम में पटना राज्य कार्यालय से दरभंगा खादी भंडार को आदेश मिला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सिक्की से बनी विशेष राखी तैयार करनी है. उसके बाद सिक्की से बनी राखी बनाने की जिम्मेदारी राधा झा को सौपीं गई. बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से देश के नागरिकों को खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. इस प्रयत्न का प्रभाव उल्लेखनीय रहा है, खादी उद्योग एक परिवर्तनकारी पुनरुत्थान के दौर से गुजर रहा है. जो साल 2013-14 से पहले एक गिरावट वाला क्षेत्र था, उसने अब एक नए पुनरोद्धार का अनुभव किया है.