सीट बंटवारा अंतिम रूप से गठबंधन के भीतर ही तय होगा.
मैं चाहता हूं मेरी मां वहां से चुनाव लड़ें क्योंकि मेरे पिता के बाद अगर किसी का सबसे पहला हक बनता है तो वह मेरी मां का बनता है."जमुई सांसद चिराग पासवान के इस बयान से पारस के साथ एक नया विवाद प्रारंभ होने की आशंका है. पारस ने दावा किया है कि उन्होंने अपने दिवंगत भाई के अनुरोध पर हाजीपुर से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. बता दें कि साल 2021 में लोजपा दो हिस्सों में बंट गई थी. पारस के नेतृत्व वाले समूह को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के रूप में जाना जाता है, वहीं चिराग के नेतृत्व वाले समूह को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कहा जाता है.हाजीपुर के सांसद पारस ने यह भी दावा किया है कि उनके दिवंगत भाई ने इस बात पर जोर दिया था कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें. अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनकी पार्टी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी. पारस ने जवाब देते हुए इल्जाम लगाया कि उनका भतीजा जमुई को 'छोड़ने' का प्रयास कर रहा है, जहां से उन्होंने 2014 के आम चुनावों में पहली बार चुनाव लड़ा था. हालांकि, चिराग पासवान ने पहले दिन में ऐसी अटकलों पर विराम लगा दिया जब उन्होंने जमुई में एक सभा में बोला- "मैं यहां एक युवा के रूप में आया था और बूढ़ा होने तक यहीं रहूंगा."