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पापा के निधन से टूटे पंकज त्रिपाठी, कहा- 'आज मैं अपने आप को अधूरा महसूस कर रहा हूं'


संवाद 

बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी अपने पिता के देहांत की खबर पर मुंबई से स्पेशल विमान द्वारा देर रात्रि पटना आए. पटना से आधी रात के बाद बेलसंड पहुंचकर अपने पिता के अंतिम संस्कार में सम्मिलित हुए. अभिनेता ने बताया कि उनको अपने पिता से बेहद लगाव था और उनकी कामयाबी का श्रेय उनके माता-पिता का आर्शीवाद ही है. जब भी उनकी कोई फिल्म फ्लोर पर आने को होती थी, वो अपने घर माता-पिता का आशीर्वाद लेने अवश्य आते थे और इन दोनों के आर्शीवाद से उनकी फिल्में बेहतर प्रदर्शन करती थीं.'पिता की अचानक मौत पर पंकज त्रिपाठी काफी उदास दिखे. उन्होने बोला कि मृत्यु तो अटल सत्य है, हम सबको इस फानी दुनिया से जाना ही है, 

लेकिन अपनों के जाने से तकलीफ होती ही है.

 मेरे पिता मेरे आदर्श थे. आज मैं अपने आप को अधूरा महसूस कर रहा हूं.हालांकि अब उनके दर्शन तो केवल फोटो में ही हो सकेंगे, लेकिन मेरे पिता मेरे लिए स्वर्ग से भी आशीर्वाद देते रहेंगे और मेरी माताजी का आर्शीवाद तो मेरे सिर पर भगवान की कृपा से है ही. वो पहले की तरह ही अपने गांव, घर, अपनी गंवई मिट्टी, अपने बचपन के साथियों से मिलने आते रहेंगे और सबसे बड़ी बात ये है कि उनकी जननी के भाग्यशाली चरण अभी धरा पर हैं, उनके दर्शन और आर्शीवाद लेने हर फिल्म के फ्लोर पर आने के साथ आते रहेंगे.'बेलसंड के मूल निवासी बॉलीवुड स्टार पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस तिवारी की मृत्यु सोमवार की दोपहर में हो गई थी. बड़े भाई बिजेन्द्र तिवारी के द्वारा फोन पर जानकारी देने के बाद पंकज त्रिपाठी सपरिवार पटना आए और पिता के अंतिम संस्कार में भाग लिया.  बनारस तिवारी 98 साल के थे और कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे.पिता को मुखाग्नि बड़े बेटे बिजेन्द्र तिवारी ने दी. रात लगभग ढाई बजे तक अपार जनसमूह पं. बनारस तिवारी के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने के लिए भारी वर्षा के बावजूद जमा रहा.यूं लग रहा था जैसे पं. बनारस तिवारी की मृत्यु पर इंद्र महाराज भी शोकाकुल होकर आंसू बरसा रहे हों.

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